तपोवन. नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटने के कारण उत्तराखंड में आई आपदा के बाद धौली गंगा नदी का जलस्तर रविवार की रात एक बार फिर बढ़ गया। इसके चलते आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों में घबराहट पैदा हो गई। रविवार रात करीब आठ बजे अचानक धौली गंगा का जलस्तर बढ़ जाने के चलते अधिकारियों को एक परियोजना क्षेत्र में जारी राहत एवं बचाव कार्य को कुछ समय के लिए रोकना पड़ा। बता दें कि उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में रविवार को ग्लेशियर के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई विकराल बाढ़ के कारण हिमालय की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी तबाही मची है।
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सुरंग में फंसे 30-35 श्रमिकों को बचाने के लिए प्रयास जारी
धौली गंगा नदी पर स्थित तपोवन- विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना की सुरंग में फंसे 30-35 श्रमिकों को बचाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। एक अधिकारी ने रविवार देर रात यह जानकारी दी। परियोजना के महाप्रबंधक अहिरवार ने कहा कि जलविद्युत परियोजना क्षेत्र की एक सुरंग में श्रमिकों एवं अन्य कर्मचारियों समेत करीब 30-35 लोगों के फंसे होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि सुरंग को खोलने के लिए मलबे को हटाने के वास्ते जेसीबी मशीनों का उपयोग किया जा रहा है।पढ़ें- Chamoli Glacier Flood: ग्लेशियर टूटने से भीषण तबाही, रेड अलर्ट जारी, 150 से ज्यादा लापता
वायुसेना के विमान उत्त्तराखंड पहुंचे
उत्तराखंड के चमोली जिले में ऋषिगंगा घाटी में रविवार को अचानक आई विकराल बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत अभियान चलाने के लिए वायुसेना के विमान तथा हेलिकॉप्टर जौलीग्रांट हवाईअड्डा पहुंच गए हैं। हवाईअड्डे के निदेशक डीके गौतम ने यहां बताया कि वायु सेना के सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस के दो भारी परिवहन विमान व दो अन्य विमान रविवार देर शाम यहां पहुंच गए। उन्होंने बताया कि इसके अलावा एमआई-17 के तीन व एक एएलएच हेलीकॉप्टर भी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुंचाने के लिए आए हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की दो टीमें भी यहां बचाव तथा राहत कार्य के लिए भेजी गई हैं।