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उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून को कड़ा करने की तैयारी, DGP ने सरकार को सौंपा प्रस्ताव

उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में जनसांख्यिकी परिवर्तन के कारण सांप्रदायिक माहौल बिगडने की आशंका के मद्देनजर पुलिस को एहतियात बरतने के निर्देश देने के बाद उत्तराखंड सरकार अब धर्मांतरण कानून को कड़ा करने की तैयारी में है, जिसमें 10 साल तक के कारावास की सजा का प्रावधान भी होगा।

Written by: Bhasha
Published on: October 09, 2021 17:25 IST
उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून को कड़ा करने की तैयारी, DGP ने सरकार को सौंपा प्रस्ताव- India TV Hindi
Image Source : UTTARAKHAND POLICE उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून को कड़ा करने की तैयारी, DGP ने सरकार को सौंपा प्रस्ताव

देहरादून: उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में जनसांख्यिकी परिवर्तन के कारण सांप्रदायिक माहौल बिगडने की आशंका के मद्देनजर पुलिस को एहतियात बरतने के निर्देश देने के बाद उत्तराखंड सरकार अब धर्मांतरण कानून को कड़ा करने की तैयारी में है, जिसमें 10 साल तक के कारावास की सजा का प्रावधान भी होगा। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मजबूत धर्मांतरण कानून के संबंध में पुलिस से प्रस्ताव देने को कहा था और इसी के मद्देनजर (पुलिस) विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार किया है। 

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को सौंपे गए दो पन्नों के इस प्रस्ताव में उत्तर प्रदेश में जबरन धर्मांतरण के संबंध में बने कानून की तर्ज पर संशोधन करने की सिफारिश की गयी है। कुमार ने कहा कि पुलिस ने प्रस्ताव में सामूहिक धर्मांतरण को संज्ञेय अपराध बनाने की सिफारिश की है जिसके तहत न्यूनतम तीन साल से लेकर 10 साल तक की कैद की सजा और 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान होगा। 

उन्होंने कहा कि वर्तमान कानून में जबरन धर्मांतरण संज्ञेय अपराध न होकर केवल शिकायती मामला है जहां पहले अदालत में केस दायर होता है। लेकिन, नए प्रस्ताव के अनुसार, ऐसे मामलों में सीधे पुलिस के पास जाकर प्राथमिकी दर्ज कराने का अधिकार देने की सिफारिश की गयी है। इस संबंध में, मुख्यमंत्री के अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार ने कहा कि पुलिस से प्राप्त प्रस्ताव का अध्ययन किया जा रहा है। 

सरकार द्वारा धर्मांतरण कानून को कड़ा करने की तैयारी को पिछले दिनों हरिद्वार के रूडकी में एक गिरजाघर पर 'सामूहिक धर्मांतरण' का आरोप लगाते हुए उपद्रवियों द्वारा किए गए हमले से भी जोड़कर देखा जा रहा है । पिछले महीने उत्तराखंड सरकार ने कुछ विशेष क्षेत्रों में जनसंख्या में अत्यधिक वृद्धि होने से आ रहे जननांकीय परिवर्तन और ‘कतिपय समुदाय के लोगों का उन क्षेत्रों से पलायन’ के रूप में सामने आ रहे कुप्रभाव से वहां का सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने की संभावना के मद्देनजर पुलिस को कार्रवाई करने को कहा था। 

इस संबंध में एहतियाती कदम उठाने के निर्देश देते हुए प्रत्येक जिले में क्षेत्रों का चिन्हीकरण करते हुए वहां निवास कर रहे असामाजिक तत्वों के खिलाफ कठोर करवाई करने के भी निर्देश दिए गए थे। इसके साथ ही जिलेवार ऐसे व्यक्तियों की सूची तैयार करने को भी कहा गया था, जो अन्य राज्यों से आकर यहां रह रहे हैं और जिनका आपराधिक इतिहास भी है। ऐसे लोगों का व्यवसाय और मूल निवास स्थान का सत्यापन करके उनका रिकॉर्ड तैयार करने को कहा गया। 

जिलाधिकारियों को इन क्षेत्र विशेष में भूमि की अवैध ख़रीद–फरोख्त पर विशेष निगरानी रखने को भी कहा गया है और यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि कहीं कोई व्यक्ति किसी के डर या दवाब में तो अपनी संपत्ति नहीं बेच रहा है।

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