नई दिल्ली: आधा हिंदुस्तान पानी से आई तबाही से मुश्किल में है। कई शहरों से दहशत में डाल देने वाली तस्वीरें और वीडियो आ रहे हैं। कहीं बादल फटकर आफ़त का सैलाब बन गए तो कहीं पहाड़ टूटकर गिरने लगे। कहीं ज़मीन धंसने लगी और कहीं नदी-नालों में आए उफान से शहर और गांव टापू बन गए। पहाड़ पर कुदरत का ऐसा कहर टूटा कि पूरा का पूरा पहाड़ ही नीचे सरकने लगा है। पहाड़ की चोटी का एक हिस्सा टूटा और चंद लम्हों में पेड़ों के साथ कई टन मलबा सड़क पर आ गिरा। पहाड़ के अचानक टूटकर गिरते ही दहशत की चीख और पुकार मच गई। तस्वीरें उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले के बड़ासू गांव की हैं जहां गौरीकुंड नेशनल हाईवे नंबर 107 पर लैंडस्लाइढ के बाद पहाड़ टूटकर हाईवे पर आ गिरा।
वहीं तिब्बत-चीन बॉर्डर से लगे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में बादल फटने के बाद पत्थर, मलबा और पानी का सैलाब पहाड़ से एक नदी की तरह नीचे दरकने लगा। पत्थरों की ये नदी घंटों तक बहती रही। धारचूला के करीब कुटी में लोग यह दहशत से भर देने वाला नज़ारा देखकर कांप उठे। इस इलाके में कोई एक हज़ार परिवार रहते हैं। मलबे की वजह से कई रास्तों के टूट जाने और पुलों के बह जाने की खबर है जिसकी वजह से लोग कई जगहों पर फंस गये हैं।
उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री हाईवे पर भी पत्थरों की बारिश की तस्वीर सामने आई है। यहां के डाबरकोट इलाके में पिछले तीनों दिनों से पत्थर टूटकर गिर रहे हैं। पहाड़ खिसकने और पत्थरों के टूटकर गिरने की वजह से हाईवे पर मुश्किल बढ़ गई है। पत्थरों के गिरने का सिलसिला थमा तो स्थानीय प्रशासन की राहत टीम हाईवे पर पहुंची और पत्थरों को हटाना शुरू किया लेकिन इस इलाके में पत्थरों की ये बारिश रह रहकर जारी है। फिलहाल यहां से गुज़रने वाले मुसाफिरों को अलर्ट रहने को कहा गया है। हाईवे बंद होने की वजह से कई यात्री पैदल ही यमुनोत्री की तरफ जा रहे हैं। हालांकि बारिश, बाढ़ के हालात मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। पुलिस और प्रशासन की टीमें मदद में जुटी हैं।
श्रीनगर के बाहरी इलाके तेलबल में भी बादल फटने के बाद नदी और नालों के पास रहने वालों के घरों में चार-चार फीट तक पानी भर गया है। पानी के तेज़ बहाव में दो शख्स डूब गये। स्थानीय लोगों की मदद से उनमें से एक को बचा लिया गया। दूसरे के तलाश में एसडीआरएफ और जम्मू प्रशासन की टीमें जुटी हैं। घरों में पानी घुसने और बादल फटने की वजह से कई लोगों को जबरदस्त नुकसान हुआ है।