देहरादून: उत्तराखंड के मसूरी में कुछ ही दिनों पहले कथित तौर पर कोविड कर्फ्यू का उल्लंघन करने के लिए एक विधायक का चालान करने वाले दारोगा का गुरुवार को ट्रांसफर कर दिया गया। दारोगा के ट्रांसफर ने इन आरोपों को जन्म दे दिया कि उसे विधायक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दंडित किया गया है। सोशल मीडिया पर रविवार को एक वीडियो क्लिप वायरल हुआ जिसमें रूड़की के बीजेपी विधायक प्रदीप बत्रा मसूरी में मास्क ठीक तरह से न पहनने और वहां जारी कर्फ्यू के दौरान घूमने के लिए एक पुलिस उपनिरीक्षक द्वारा चालान किए जाने पर उस पर जुर्माने की राशि फेंक कर जाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
‘देहरादून से 40 किलोमीटर दूर हुआ ट्रांसफर’
मसूरी के सर्किल अधिकारी नरेंद्र पंत ने बताया कि उपनिरीक्षक नीरज कठैत का ट्रांसफर देहरादून से 40 किलोमीटर दूर कालसी में कर दिया गया है। संभवत: विधायक को पहचान नहीं पाए उपनिरीक्षक वीडियो में उन्हें मास्क ठीक तरह से न पहनने और कर्फ्यू के दौरान परिवार के लोगों के साथ घूमने के लिए लताड़ते नजर आ रहे हैं। वह यह भी कहते सुनाई दे रहे हैं कि बत्रा को 500 रुपये का जुर्माना देना होगा। इस पर नाराज होते हुए विधायक वीडियो में अधिकारी पर चालान की राशि फेंकते हुए वहां से जाते दिख रहे हैं।
दारोगा के समर्थन में आए स्थानीय लोग
उपनिरीक्षक के स्थानांतरण का समाचार फैलते ही स्थानीय लोग उनके समर्थन में आगे आ गए और उन्होंने कहा है कि उनका तबादला दंडस्वरूप किया गया है जबकि वह सिर्फ अपनी ड्यूटी कर रहे थे। मसूरी व्यापार संघ ने इस मामले में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को एक ज्ञापन सौंपा है और उनसे मामले में दखल देने तथा उनका तबादला रोकने को कहा है। व्यापार संघ के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा, ' विधायक ने कानून तोडा। उपनिरीक्षक ने कार्रवाई की और इसके लिए उन्हें दंड देने की बजाय उनकी प्रशंसा की जानी चाहिए।'
कांग्रेस नेता ने दी आंदोलन की धमकी
कांग्रेस की मसूरी इकाई के अध्यक्ष गौरव अग्रवाल ने राज्य सरकार से कठैत का तबादला आदेश रद्द करने की मांग की है तथा कहा है कि ऐसा न होने पर आंदोलन की धमकी दी है। हांलांकि, इस बारे में पूछे जाने पर सर्किल अधिकारी पंत ने कहा कि कठैत मसूरी में अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं और इसलिए उनका तबादला होना तय था।