नई दिल्ली: सात साल की बच्ची से दुष्कर्म और उसके बाद उसकी हत्या ने 19 साल की सीनू कुमारी को झकझोर कर रख दिया। बीएससी की यह छात्रा कुछ ऐसा करना चाहती थी, जिससे महिलाओं के साथ इस तरह की घटनाएं न हों। इसी जज्बे के साथ सीनू ने रेप प्रूफ पैंटी तैयार की। यह कोई आम पैंटी नहीं है, बल्कि नई इलेक्ट्रॉनिक तकनीक से लैस पैंटी है, जिसमें स्मार्टलॉक लगा है, जो पासवर्ड से ही खुल सकता है। लोकेशन की सही जानकारी बताने के लिए इसमें जीपीआरएस सिस्टम है और घटनास्थल की बातचीत रिकॉर्ड करने के लिए रिकॉर्डर भी लगा है।
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली सीनू ने बताया, "मैं रोजाना हो रही रेप की घटनाओं से दुखी थी। एक दिन सात साल की बच्ची से रेप और फिर गला घोंटकर उसकी हत्या की खबर पढ़कर मैं अंदर तक हिल गई थी। उसी वक्त मैंने ठान लिया था कि मुझे कुछ करना है।" उन्होंने कहा, "बीएससी थर्ड ईयर की स्टूडेंट हूं, कई तरह के मॉडल बनाती रहती हूं। सोचा, क्यों न इस तरह की पैंटी बनाई जाए, जिससे रेप रोकने में मदद मिल सके। एक महीने की मेहनत के बाद मैंने यह पैंटी तैयार की।"
इस पैंटी में किस तरह के उपकरण लगे हैं? यह पूछने पर सीनू ने कहा, "इसमें एक स्मार्टलॉक लगा है, जो पासवर्ड के बिना नहीं खुल सकता। यह पैंटी ब्लेडप्रूफ कपड़े की बनी है, जिसे चाकू या किसी भी धारदार हथियार से काटा नहीं जा सकता और न ही जलाया जा सकता है। इसमें एक बटन लगा है, जिसे दबाने पर 100 या 1090 नंबर पर ऑटोमैटिकली कॉल चला जाएगा और जीपीआरएस सिस्टम की मदद से पुलिस घटनास्थल पर पहुंच जाएगी। पैंटी में रिकॉर्डर भी लगा है, जिसमें घटनास्थल की सारी बातें रिकॉर्ड हो जाएंगी।"
बकौल सीनू, यह मॉडल और भी बेहतर हो सकता है। इसमें सुधार की गुंजाइश है। विभिन्न कंपनियों की मदद से इसमें और सुधार लाया जा सकता है। इस पैंटी मॉडल को तैयार करने में लगे खर्च के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, "इसे बनाने में 5,000 रुपये तक का खर्च आया है। मुझे पता है कि इस मॉडल में और सुधार के बाद बाजार तक आने में इसकी कीमत आम पैंटी की तुलना में थोड़ी महंगी हो सकती है, लेकिन सरकार से उम्मीद है कि वह महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसे गरीब महिलाओं तक भी पहुंचाने में मदद करेगी।"
रेप प्रूफ पैंटी ईजाद करने के लिए सीनू की काफी सराहना भी हो रही है। जब केंद्रीय बाल एवं महिला विकास मंत्री मेनका गांधी तक बात पहुंची, तो उन्होंने सीनू के इस मॉडल को सराहा और उन्हें भविष्य में आमजन की सुरक्षा के लिए प्रयत्नशील रहने की शुभकामनाएं दीं। सीनू ने इस पैंटी का पेटेंट कराने के लिए आवेदन इलाहाबाद स्थित नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (एनआईएफ) के पास भेजा है। बकौल सीनू, वह रेल दुर्घटना से बचने में सहायक एक उपकरण पर भी काम कर रही हैं, जो बढ़ रही रेल दुर्घटनाओं को रोकने में कारगर साबित हो सकता है।