लखनऊ। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में, संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में भाषण देने के आरोप में मथुरा जेल में बंद डॉ कफील खान के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्यवाही की गई है। शुक्रवार को डॉ. कफील खान जमानत पर रिहा होने वाले थे, लेकिन रासुका लगने से उनकी मुश्किलें फिर से बढ़ गई हैं।
अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरी ने शुक्रवार को बताया ‘‘डॉ कफील खान के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की गई है और वह जेल में ही रहेंगे।’’ कफील वर्तमान में मथुरा जेल में निरुद्ध है। पिछले साल दिसंबर में एएमयू में सीएए के विरोध में भाषण देने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद उन्हें जमानत मिल गई थी।
पुलिस के मुताबिक डॉक्टर कफील खान को हेट स्पीच की वजह से गिरफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया था. यूपी एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद डॉक्टर कफील खान ने कहा था, 'मुझे गोरखपुर के बच्चों की मौत के मामले में क्लीन चिट दे दी गई थी। अब मुझको फिर से आरोपी बनाने की कोशिश की जा कर रही हैं। मैं महाराष्ट्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि मुझे महाराष्ट्र में रहने दे। मुझको उत्तर प्रदेश पुलिस पर भरोसा नहीं है।'