उत्तर प्रदेश के मुजफ्फर नगर में हुए दंगों से जुड़े 18 केस उत्तर प्रदेश सरकार वापस लेने जा रही है। सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार ने जिले के अधिकारियों से इस मामले में न्यायालय से संपर्क करने को कहा है। सूत्रों के मुताबिक यूपी के विधि विभाग के विशेष सचिव जेजे सिंह ने मुजफ्फर नगर के डीएम राजीव शर्मा को मामले वापस लेने का आदेश दिया है।
लखनऊ से मिले आदेश के बाद जिले की मशीनरी इस मामले को लेकर हरकत में आ गई है। अधिकारियों ने मामलों को वापस लेने के लिए कोर्ट जाने की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। सूत्रों के अनुसार इन 18 मामलों में भारतीय दंड संहिता की धारा 147 (दंगा भड़काने), 148( सशस्त्र हथियारों के साथ उपद्रव करने) और 397 (हत्या के प्रयास) के तहत मामले दर्ज हैं।
राज्य सरकार ने हाल ही में 2013 में हुए इन दंगों से जुड़े 125 मामलों से जुड़ी जानकारियां तलब की थीं। इसी के बाद 18 मामलों को वापस लेने के बारे में निर्देश जारी किए गए हैं। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट अमित कुमार ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि राज्य सरकार अदालत में लंबित पड़े 125 मामलों को वापस लेने की संभावना पर विचार करने के लिए इससे जुड़ी जानकारियां तलब की थीं। इन 125 मामलों में सत्ताधारी भाजपा के कई नेता जैसे सांसद संजीव बाल्यान, भारतेंद्र सिहं, विधायक संगीत सोम और उमेश मलिक के नाम शामिल हैं। राज्य सरकार में मंत्री सुरेश राणा और हिंदुत्व नेता साध्वी प्राची के नाम भी आरोपियों में शामिल हैं। हालांकि जिन 18 मामलों को वापस लिया जा रहा है उसमें इन भाजपा नेताओं के नाम शामिल नहीं हैं।
बता दें कि 2013 में फैले इन सांप्रदायिक दंगों में 60 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं 40 हजार लोगों को विस्थापित किया गया था। राज्य सरकार ने दंगों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी ने 175 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए थे। पुलिस ने 6869 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए थे। वहीं 1480 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया था।