नई दिल्ली: अयोध्या में कई साल बाद दिव्य दिवाली मनाने की भव्य तैयारियां चल रही हैं। भगवान राम के राज्याभिषेक से लेकर सरयू किनारे दो लाख दीये जलाकर नया रिकॉर्ड बनाने की हर तैयारी पर खुद सीएम योगी आदित्यनाथ की नज़र है। अयोध्या पर तोहफों की बरसात के बीच योगी सरकार ने रामभक्तों को बड़ी सौगात दी है। योगी सरकार उस रास्ते को रामपथ बनाने की योजना पर तेजी से काम कर रही है जिस रास्ते से चलकर श्रीराम वनवास के लिए निकले थे और अयोध्या से चित्रकूट पहुंचे थे।
बता दें कि अयोध्या से चित्रकूट तक राम वनगमन पथ पर भाजपा की कल्याण सिंह सरकार में काम शुरू हुआ था। बाद में अखिलेश सरकार में भी इसपर कुछ काम हुआ लेकिन अयोध्या से चित्रकूट का पूरा रास्ता फोरलेन नहीं हो पाया। अब योगी सरकार बनने के बाद इस प्रोजेक्ट पर फिर से काम शुरू हुआ है। पिछले एक महीने से भी कम समय में यूपी की योगी सरकार ने एक के बाद एक अयोध्या को इतने तोहफे दिए हैं जो इससे पहले कभी नहीं मिले थे।
अयोध्या जाने वाले श्रद्धालु चित्रकूट धाम के भी दर्शन जरूर करते हैं। लंबे समय से अयोध्या से चित्रकूट तक हाईवे बनाने की मांग की जाती रही थी ताकि रामभक्तों को दर्शन में किसी तरह की दिक्कत ना हो। कागजों में अयोध्या से चित्रकूट तक हाईवे की योजना को लंबे समय पहले ही मंजूरी मिल चुकी है लेकिन एनओसी के इंतजार में ये योजना लटकी हुई थी। योगी सरकार बनने के बाद इस प्रोजेक्ट में तेजी आई। जल्द ही अयोध्या से चित्रकूट तक राम वनगमन पथ पर गाड़ियां फर्राटा भरेंगी।
राम वनगमन पथ चार जिलों को जोड़ेगा। ये फोरलेन हाईवे अयोध्या से शुरू होकर प्रतापगढ़ के मोहनगंज तक पहुंचेगा जहां से ये सड़क इलाहाबाद के बाहरी हिस्से को छूती हुई कौशांबी के कोखराज तक पहुंचेगी और चित्रकूट तक जाएगी।
हिंदू धार्मिक मान्यताओं में चित्रकूट का बड़ा महत्व है। मान्यता है कि वनवास के लिए श्रीराम त्रेता युग में लक्ष्मण और सीता के साथ अयोध्या से सबसे पहले चित्रकूट तक गए थे। जब भी राम के वनवास की चर्चा होती है तो बिना चित्रकूट के वो पूरी नहीं हो सकती। चित्रकूट में ही श्रीराम ने नाव के जरिये गंगा पार की थी जहां उनकी मुलाकात केवट से हुई थी जो बेहद ही मार्मिक प्रसंग है। राम वनगमन पथ बनने से अयोध्या और चित्रकूट के बीच कम से कम 50 किमी की दूरी कम होगी। नया हाईवे बनने से श्रद्धालुओं को इलाहाबाद में प्रवेश नहीं करना पड़ेगा। दूरी कम और जाम नहीं होने से करीब डेढ़ घंटे का समय भी बचेगा।
राम वनगमन पथ बनाने की योजना करीब डेढ़ दशक पुरानी है। उस वक्त इलाहाबाद को बौद्ध और सिख सर्किट से जोड़ने की योजना थी। अयोध्या से चित्रकूट तक राम वनगमन पथ भी एक सर्किट का हिस्सा था लेकिन योजनाओं पर धूल पड़ती गई। अब योगी सरकार बनने के बाद इसमें तेजी आई है और नए सिरे से तैयारी की जा रही है।