नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आज कहा कि अपनी शिकायतों को व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले जवानों को सजा दी जा सकती है क्योंकि उनके इस कृत्य से देश की सीमाओं की रक्षा करने वालों का मनोबल गिरता है।
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उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के भारत के खिलाफ लगातार छद्म युद्ध करने के बावजूद हम नियंत्रण रेखा पर शांति बहाल करना चाहते हैं। रावत ने कहा, लेकिन हम संघर्ष विराम उल्लंघन की स्थिति में मुंहतोड़ जवाब देने से हिचकिचाएंगे नहीं।
सेना प्रमुख यहां थलसेना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने ड्यूटी के दौरान असाधारण साहस दिखाने वाले जवानों को वीरता पदकों से सम्मानित किया। जनरल रावत ने कहा, यदि किसी जवान को कोई शिकायत है तो उसे अपने मामलों को सुलझाने के लिए उचित मंच मुहैया कराया गया है। यदि आप कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है तो आप मुझसे सीधे संपर्क कर सकते हैं।
उन्होंने अपनी शिकायतों को व्यक्त करने के लिए जवानों द्वारा सोशल मीडिया के इस्तेमाल का जिक्र करते हुए कहा, आपने जो कार्रवाई की है, आप उसके लिए अपराधी है, और सजा के हकदार हो सकते हैं। उन्होंने कहा, इसका सीमा पर देश की सेवा कर रहे बहादुर जवानों पर (नकारात्मक) असर पड़ा है।
आतंकवाद के मामले पर उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 के आखिरी कुछ महीनों में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति काफी संवेदनशील हो गई है। उन्होंने कहा, भले ही वास्तविक नियंत्रण रेखा हो या नियंत्रण रेखा हो, हम उचित कार्रवाई करेंगे और हमारे जवान सभी मोर्चों पर प्रशंसनीय काम कर रहे हैं।