उटलिगम (जम्मू-कश्मीर): करीब दो वर्ष पहले श्रीनगर में जब लोकसभा उपचुनाव हो रहे थे तो फारूक अहमद डार को सेना के जवानों ने ‘मानव कवच’ के तौर पर इस्तेमाल किया था लेकिन इस बार वह चुनावी ड्यूटी पर तैनात हैं।
बडगाम के मुख्य चिकित्सा अधिकारी नाजीर अहमद ने कहा, ‘‘फारूक अहमद डार स्वास्थ्य विभाग में समेकित वेतन पर सफाईकर्मी का काम कर रहे हैं। उन्हें चुनावी ड्यूटी पर लगाया गया है।’’
डार की एक तस्वीर 2017 में अखबार के पहले पन्ने पर प्रकाशित हुई थी जिसमें वह सेना की जीप के बोनट पर बंधे हुए थे। इसे लेकर तीखी किंतु मिश्रित प्रतिक्रिया आई थी। जांचकर्ताओं को बाद में पता चला था कि नौ अप्रैल 2017 को वोट डालने के बाद वह अपनी बहन के घर एक शोक सभा में जा रहे थे तभी सेना के जवानों ने उन्हें बांधकर 28 गांवों में घुमाया।
उटलिंगम में मतदान शुरू होने के पहले 100 मिनट तक 1016 पंजीकृत मतदाताओं में से केवल दो ने मतदान किया था।