अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी व्यस्तताओं की वजह से अगले साल भारत की गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि के रूप में भाग नहीं ले पाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मेादी ने पिछले साल वॉशिंगटन में वार्ता के दौरान ट्रंप को भारत आने का न्योता दिया था। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने जुलाई में कहा था कि ट्रंप को भारत आने का निमंत्रण मिला है लेकिन अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया।
मोदी के निमंत्रण पर ट्रंप के फैसले के बारे में पूछे जाने पर व्हाइट हाउस की प्रवक्ता ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप 26 जनवरी 2019 को भारत की गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाए जाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण को पाकर सम्मानित महसूस करते हैं लेकिन वह पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के कारण इसमें भाग लेने में असमर्थ हैं।’’ ऐसा बताया जा रहा है कि जब भारत गणतंत्र दिवस मनाएगा उसी समय ट्रंप अमेरिकी कांग्रेस के दोनों सदनों को वार्षिक स्टेट ऑफ यूनियन (एसओटीयू) संबोधन के तहत संबोधित कर सकते हैं। आम तौर पर जनवरी के अंतिम सप्ताह या फरवरी के पहले सप्ताह में यह संबोधन होता है।
प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति और मोदी के बीच निजी घनिष्ठ संबंध हैं और ट्रंप भारत-अमेरिका रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति की दो बैठकों तथा फोन पर कई बार बातचीत के जरिए प्रधानमंत्री मोदी से निजी घनिष्ठता बनी तथा वह अमेरिका-भारत कूटनीतिक साझेदारी मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति जल्द से जल्द एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी से मिलने की उम्मीद करते हैं।’’
मोदी और ट्रंप के 30 नवंबर और एक दिसंबर को अर्जेंटीना में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने का कार्यक्रम है। दोनों नेताओं के वहां मुलाकात करने और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करने की संभावना है। भारत हर साल अपने गणतंत्र दिवस समारोह में विश्व नेताओं को आमंत्रित करता है। साल 2015 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे। अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर वह उनकी दूसरी यात्रा थी। इस साल दस आसियान देशों के नेताओं ने गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लिया था।