Tuesday, November 05, 2024
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मंत्री को अदालत का निर्देश, लोगों से माफी मांगने का वीडियो यूट्यूब पर अपलोड करें

पिछले महीने एक कार्यक्रम के दौरान घनघोरिया ने अतिक्रमणकारियों के पक्ष में बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि कोई भी सिद्ध बाबा पहाड़ी से अतिक्रमण नहीं हटा सकता। उनका यह बयान यूट्यूब पर अपलोड कर दिया गया, जिससे यह सोशल मीडिया में वायरल हो गया। 

Reported by: Bhasha
Published on: October 04, 2019 18:30 IST
Lakhan Ghangoriya- India TV Hindi
Image Source : TWITTER File Photo

जबलपुर। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने प्रदेश के मंत्री लखन घनघोरिया को निर्देश दिया है कि वह अपनी जनसभाओं की उन वीडियो क्लिपिंग को यूट्यूब पर अपलोड करें, जिनमें उन्होंने अदालती आदेश के खिलाफ दिये अपने पूर्व के एक बयान को लेकर माफी मांगी थी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आरएस झा एवं न्यायमूर्ति वी के शुक्ला की पीठ ने बृहस्पतिवार को यह निर्देश जारी किये।

सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री के लिए पैरवी कर रहे वकील जुबिन प्रसाद ने पीटीआई-भाषा को शुक्रवार को बताया कि चूंकि याचिकाकर्ता ने अदालत से कहा था कि मंत्री ने अतिक्रमण नहीं हटाने का अपना बयान यूट्यूब पर अपलोड किया था, इसलिए अदालत ने मंत्री द्वारा दिये गये अपने स्पष्टीकरण का वीडियो भी यू-टयूब पर अपलोड करने का निर्देश दिया है।

उल्लेखनीय है कि जबलपुर में मदनमहल एवं सिद्ध बाबा पहाड़ी सहित अन्य पहाड़ियों पर सैकड़ों लोगों ने कब्ज़ा कर रखा है। इस मामले में गढ़ा गौंडवाना संरक्षक संघ के किशोरीलाल भलावी एवं अधिवक्ता जकी अहमद सहित अन्य की याचिकाओं पर उच्च न्यायालय ने यहां से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था।

पिछले महीने एक कार्यक्रम के दौरान घनघोरिया ने अतिक्रमणकारियों के पक्ष में बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि कोई भी सिद्ध बाबा पहाड़ी से अतिक्रमण नहीं हटा सकता। उनका यह बयान यूट्यूब पर अपलोड कर दिया गया, जिससे यह सोशल मीडिया में वायरल हो गया। मंत्री के इस बयान पर आदित्य नारायण शुक्ला ने एक अर्जी उच्च न्यायालय में पेश करते हुए कहा था कि सिद्धबाबा की पहाड़ी पर आयोजित एक सभा में घनघोरिया ने न सिर्फ अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई का विरोध किया, बल्कि अदालत के आदेश पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए लोगों को उकसाने का भी काम किया।

शुक्ला ने इसके वीडियो यू-टयूब में अपलोड होने की जानकारी भी पीठ को दी थी। पिछली सुनवाई की तारीख पर पूरे मामले में घनघोरिया ने अदालत में बिना शर्त माफ़ी मांग ली थी और जबाब दे दिया था। लेकिन, अदालत ने इसे नाकाफी पाते हुए उन्हें एवं सरकार को जवाब देने के निर्देश दिये थे। पीठ ने मंत्री को निर्देशित किया था कि जनसभा कर लोगों के बीच अपना स्पष्टीकरण पेश करें। इसके बाद मंत्री ने एक अक्टूबर को जनसभा कर जनता के बीच अतिक्रमण पर दिये अपने बयान के लिए माफी मांग कर स्पष्टीकरण दिया था। मामले की अगली सुनवाई 9 नवंबर को होगी।

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