रुड़की/लखनऊ: जहरीली शराब कांड में रविवार को दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। समाचार एजेंसी IANS के अनुसार पिछले हफ्ते उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के दो पड़ोसी जिलों में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या अब बढ़कर 97 हो गई है। हालांंकि पुलिस ने बताया कि हरिद्वार के एक गांव में बृहस्पतिवार की शाम जहरीली शराब पीने की वजह से अब तक उत्तराखंड में 36 और उत्तर प्रदेश में भी इतनी ही संख्या में लोगों की मौतें हुई हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के एक बयान के मुताबिक, उत्तराखंड से सटे राज्य के सहारनपुर जिले में 36 लोगों की मौत हुई है। पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार पिता-पुत्र (क्रमश: फकीरा और सोनू) ने जांच अधिकारियों को बताया कि उन्होंने उत्तर प्रदेश से अवैध शराब खरीदी और उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के एक गांव बालूपुर और इसके आस-पास के गांवों में बेच दिया। हरिद्वार के एसएसपी जनमेजय खंडूरी और सहारनपुर के एसएसपी दिनेश कुमार ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों आरोपी बालूपुर के रहने वाले हैं।
खंडूरी ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि उन्होंने जो शराब खरीदी थी, उसका रंग भी सामान्य नहीं था और उसमें डीजल की महक थी। दोनों अधिकारियों ने अपने बयान में कहा, ‘‘यह दूध की तरह दिख रहा था और डीजल की तरह महक रहा था।'' मरने वाले लोग उत्तराखंड के हरिद्वार और उत्तरप्रदेश के सहारनपुर जिले के रहने वाले थे। उन्होंने अपने एक रिश्तेदार की ‘तेरहवीं’ के बाद बृहस्पतिवार की शाम को शराब का सेवन किया था। उन्होंने बताया कि सहारनपुर के पुंडेन गांव के उन निवासियों की तलाश जारी है, जिन्होंने अवैध शराब बनायी थी। आरोपियों के घरों पर छापे भी मारे गए हैं लेकिन वे फरार हैं। इस बीच, जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले ने रविवार को राजनीतिक रंग ले लिया। मामले को लेकर आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्व में हुई इस तरह की घटनाओं में समाजवादी पार्टी (सपा) का हाथ रहा है। दूसरी तरफ, बसपा सुप्रीमो मायावती ने पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की। योगी ने गोरखपुर से चेताया कि अवैध शराब के कारोबार में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी भले ही वे किसी भी राजनीतिक पार्टी से क्यों ना जुड़े हों। उन्होंने शनिवार की रात कहा कि पूर्व में सपा नेताओं के इस तरह की घटनाओं में शामिल होने की बात सामने आई है। आजमगढ़, हरदोई, कानपुर, और बाराबंकी में पूर्व में हुई जहरीली शराब की घटनाओं में सपा नेता शामिल पाए गए थे।
सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना के लिए भाजपा को दोषी ठहराते हुए कहा कि बिना सरकार के समर्थन के अवैध शराब का कारोबार नहीं हो सकता। भाजपा को यह बात मान लेनी चाहिए कि वह राज्य का शासन नहीं संभाल सकती। सपा की नई साझेदार बसपा ने जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की भाजपा सरकारों को दोषी ठहराया है। पार्टी सुप्रीमो मायावती ने एक बयान में कहा कि दोनों ही राज्यों की सरकारों का ज़हरीली शराब की बिक्री पर प्रतिबंध को लेकर ढुलमुल रवैया रहा है। उन्होंने प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि जब तक सीबीआई जांच पूरी ना हो दोनों ही राज्यों के आबकारी मंत्रियों को हटाने के लिए कहा जाए ताकि निष्पक्ष जांच सुनिश्चित हो सके।
हाल ही में कांग्रेस के पूर्वी प्रदेश मामलों की प्रभारी महासचिव नियुक्त की गईं प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि ‘‘दिल दहला देने वाली इस घटना की जितनी निंदा की जाए कम है। उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश सरकार की सरपरस्ती में अवैध शराब का इतना बड़ा कारोबार संचालित होता है यह कल्पना नहीं की जा सकती।’’ प्रियंका ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा, ‘‘मैं उम्मीद करती हूं कि भाजपा सरकारों द्वारा अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी एवं मृतकों के परिजनों के लिए उचित मुआवजा और सरकारी नौकरी का प्रावधान किया जाएगा।’’