लखनऊ/शामली: उत्तर प्रदेश में शामली जिले के कैराना क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में घायल सिपाही अंकित तोमर इलाज के दौरान शहीद हो गए हैं। अंकित की बुधवार देर रात नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में मौत हो गई। प्रदेश सरकार ने शहीद अंकित के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद सिपाही अंकित तोमर की वीरता और साहस की प्रशंसा करते हुए उनके परिजनों को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की है। आर्थिक सहायता के रूप में 40 लाख रुपए शहीद की पत्नी व 10 लाख रुपए उनके माता-पिता को दिए जाएंगे। वह अपने पीछे 3 साल की बेटी और 3 महीने का बेटा छोड़ गए हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, शहीद सिपाही का पार्थिव शरीर शामली पुलिस लाइन पहुंचने पर अधिकारियों ने अंकित को श्रद्धाांजलि दी। वहीं, परिजनों ने कहा कि अंकित की शहादत पर उन्हें गर्व है। मंगलवार को बदमाश साबिर से हुई मुठभेड़ में अंकित के सिर व छाती में गोली लग गई थी। दिमाग में गोली धंसने से वह कोमा में चले गए थे। उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया। देश के वरिष्ठ चिकित्सकों ने अंकित के ब्रेन में धंसी गोली निकालने के लिए भरसक प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सके।
आपको बता दें कि मंगलवार की देर रात हुई उस मुठभेड़ में मुकीम काला गैंग का एक लाख रुपये का इनामी बदमाश साबिर मारा गया था। इससे पहले भारी पुलिस बल ने उसके घर पर छापा मारा था, जहां पुलिस टीम को देखते ही साबिर ने अंधाधुंध फायरिंग झोंक दी थी। इसी दौरान गोली लगने से सिपाही अंकित तोमर और थानाध्यक्ष कैराना भागवत सिंह घायल हो गए थे। साबिर मई 2017 में बाराबंकी में पुलिस कस्टडी से उस वक्त फरार हो गया था, जब उसे सिद्धार्थनगर जेल से हरियाणा कोर्ट में पेशी पर ले जाया जा रहा था। उसके बाद से वह लगातार वारदात कर रहा था। साबिर पर रंगदारी, लूट, हत्या, डकैती के दर्जनों मुकदमे दर्ज थे।