Tuesday, December 24, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. गुमनाम नायिका: उत्तराखंड आपदा में ममता रावत ने बचाई थीं सैकड़ों जानें

गुमनाम नायिका: उत्तराखंड आपदा में ममता रावत ने बचाई थीं सैकड़ों जानें

अब लगभग 29 साल की हो चुकीं ममता रावत ने 2013 में उत्तराखंड में आई बाढ़ आपदा के दौरान सैकड़ों लोगों की जान बचाई थी।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : August 11, 2017 19:49 IST
Mamta Rawat
Mamta Rawat

नई दिल्ली: अब लगभग 29 साल की हो चुकीं ममता रावत ने 2013 में उत्तराखंड में आई बाढ़ आपदा के दौरान सैकड़ों लोगों की जान बचाई थी। अपने घर से 17 जून 2013 को बाहर निकलीं ममता ने बाढ़ के दौरान अपने गिरते घर की भी परवाह नहीं की और बाढ़ में फंसे लोगों के लिए फरिश्ता बनकर पहुंचीं। उत्तरकाशी के उपरी भाग में स्थित बानखोली गांव की ममता ने नेहरू इंस्टिट्यूड ऑफ माउंटेनियरिंग (NIM) से माउंटेनियरिंग में सर्टिफिकेट हासिल किया था। 

ममता रावत उस दिन अपने गांव बानखोली में थीं, जब उनके मोबाइल फोन पर कॉल में बताया गया कि हिमालय पर ट्रेकिंग के लिए निकला स्कूली बच्चों को एक समूह मूसलाधार बारिश में फंस गया है। ममता फंसे हुए बच्चों के बीच तेजी से पहुंचने में कामयाब रहीं और वह उन्हें सुरक्षित नीचे ले आईं। जब तक वह नीचे उतरीं तब तक बाढ़ अपने वीभत्स रूप में आ चुकी थी। इस दौरान रावत के पास अलग-अलग जगहों पर फंसे लोगों को बचाने के लिए फोन आने लगे। ममता ने जहां तक संभव हो सका, लोगों की जान बचाने में अपना पूरा जोर लगा दिया। हालांकि इस आपदा में उनका खुद का घर पूरी तरह तबाह हो गया था।

कम उम्र में ही उठ गया था पिता का साया

ममता के पिता रामचंद्र सिंह रावत खेतीबाड़ी और चाय की दुकान चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। अपने माता-पिता की 4 संतानों में ममता तीसरे नंबर पर हैं। जब ममता सिर्फ 10 साल की थी, तभी उनके सिर से पिता का साया उठ गया था, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। ममता वैसे तो स्कूल की ड्रॉप आउट हैं, लेकिन 6 लोगों के परिवार का पेट पालने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की। 

जिन्होंने विरोध किया, वही अब तारीफ करते हैं
वह NIM में बतौर पार्ट टाइम ट्रेनर काम करती हैं। कुछ एक्स्ट्रा पैसे कमाने के लिए वह ट्रेकिंग पर आने वाले लोगों के लिए गाइड का काम भी करती हैं। ममता के लिए ये पेशा चुनना आसान नहीं था और उन्हें अपने समाज के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा था। उनके समाज के अधिकांश लोगों का मानना था कि यह पुरूषों का काम है, लेकिन ममता ने अपने इरादे नहीं बदले। वह अब अपने आसपास की युवतियों को भी माउंटेन गाइड की ट्रेनिंग देने लगी हैं। अब हालत यह है कि लोग अपनी बेटियों को ममता के जैसा बनता देखना चाहते हैं। वैसी ही निडर, वैसी ही बहादुर, और वैसी ही दूसरों के लिए जान की बाजी लगाने वाली।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement