भारत ने सोमवार तड़के होने वाले चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण को तकनीकी खामी की वजह से टाल दिया है। इसके लिए अब नई तारीख की घोषणा की जाएगी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ट्वीट किया, ‘‘प्रक्षेपण यान में टी-56 मिनट पर तकनीकी खामी दिखी। एहतियात के तौर पर चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण आज के लिए टाल दिया गया है। नई तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी।’’ यह पहला अवसर नही हैं कि जब इसरो द्वारा मिशन को टाल दिया गया हो या मिशन असफल रहा हो इससे पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है। आईए जानते है इसके बारें में।
असफल स्पेसक्राफ्ट मिशन
- रोहिनी टेक्नोलॉजी पेलोड (RTP) एक 35 किलो प्रायोगिक उपग्रह था। यह 10 अगस्त, 1979 को SHAR केंद्र से लॉन्च किया गया था। इसे अपनी इच्छित कक्षा में नहीं रखा जा सका।
- इंसैट–1A को अप्रैल 1982 में डेल्टा द्वारा लॉन्च किया गया था लेकिन सितंबर 1983 में जब उसका एटीट्यूड कंट्रोल प्रोपेलेंट क्षीण हो गया था तब इस मिशन को त्याग दिया गया था।
- ASLV की दूसरी डेवलपमेंटल फ्लाइट में लॉन्च किया गया SROSS–1 उपग्रह कक्षा तक नहीं पहुंच सका।
- इस मिशन को पूरी तरह से असफल नहीं कहा जा सकता, क्यूंकि जहां एक तरफ 6 C–बैंड ट्रांसपोंडर और 2 S–बैंड ट्रांसपोंडर खो गए वहीं दूसरी तरफ मौसम संबंधी छवियां और डेटा संग्रहण सिस्टम सुचारू थे।
- यह पीएसएलवी की पहली डेवेलपमेंट फ्लाइट थी। PSLV –D1 द्वारा प्रक्षेपित IRS–1E उपग्रह को कक्षा में रखा नहीं जा सका। लॉन्च व्हीकल में आई समस्याओं के चलते यह मिशन सफल न हो सका।
- INSAT–2D, INSAT –2C के ही समरूप था. 4 जून, 1997 को लॉन्च किए गए इस उपग्रह ने 4 अक्टूबर, 1997 के बाद से कार्य करना बंद कर दिया था।
- इनसैट–4C को लॉन्च व्हीकल GSLV–F2 के साथ, 10 जुलाई, 2006 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SHAR), श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था। चूंकि, GSLV–F2 लॉन्च व्हीकल मिशन पूरा नहीं कर सका इसलिए इनसैट–4C का मिशन भी असफल रहा।
- GSAT–4 भारत का उन्नीसवां जियो-स्टेशनरी और GSAT श्रृंखला का चौथा उपग्रह था। GSAT–4 मूल रूप से एक प्रयोगात्मक उपग्रह था जिसे कक्षा में नहीं रखा जा सका क्यूंकि इसका लॉन्च व्हीकल GSLV–D3 ही अपना मिशन पूरा न कर सका।
- GSAT–5P, GSAT श्रृंखला में लॉन्च किया गया पांचवां उपग्रह था। GSAT–5P को कक्षा में नहीं रखा जा सका क्यूंकि इसका लॉन्च व्हीकल GSLV – F6 अपना मिशन पूरा न कर सका।
- ऑगमेंटेड सैटेलाइट लॉन्च वाहन (ASLV)–D1, 24 मार्च, 1987 को वैज्ञानिक उपकरणों के साथ-साथ SROSS-1 सैटेलाइट ले जाने वाली पहली डेवलपमेंटल फ्लाइट थी, जो सफल न हो सकी।