नई दिल्ली: पुलवामा हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिप्लोमेसी की बहुत बड़ी जीत हुई है। पहली बार पाकिस्तान के साथ-साथ चीन को बड़ा झटका लगा है। यूएन सिक्योरिटी काउंसिल ने पुलवामा हमले की कड़ी निंदा करते हुए न केवल सख्त लहजे में बयान जारी किया है बल्कि भारत को इस हमले का बदला लेने की पूरी आज़ादी भी दी है। सिक्योरिटी काउंसिल ने अपील की है कि पुलवामा हमले के गुनहगारों को सज़ा दिलाने के लिए सभी देश भारत के साथ सहयोग करें।
इस बार भी चीन ने सुरक्षा परिषद में अड़ंगा लगाने की कोशिश की लेकिन उसका एक भी दांव कामयाब नहीं हो पाया और मजबूरन उसे जैश के सरगना मसूद अज़हर कि खिलाफ बयान पर दस्तखत करने पड़े। अब पाकिस्तान चारों तरफ से घिर गया है। पूरी दुनिया उसके खिलाफ बोल रही है। बता दें कि इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे और इसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।
सुरक्षा परिषद ने इस घटना के अपराधियों, षडयंत्रकर्ताओँ और उन्हें धन मुहैया कराने वालों को ‘इस निंदनीय कृत्य’ के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने और न्याय के दायरे में लाने की जरूरत को रेखांकित किया। संयुक्त राष्ट्र की 15 शक्तिशाली देशों की इस इकाई ने अपने बयान में पाकिस्तान के आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद का नाम भी लिया।
यूएनएससी की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘सुरक्षा परिषद के सदस्य 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर में जघन्य और कायरान तरीके से हुए आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा करते हैं जिसमें भारत के अर्धसैनिक बल के 40 जवान शहीद हो गए थे और इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।'' बयान में आतंकवाद को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरों में से एक बताया गया है।