नई दिल्ली: दिल्ली में उन्नाव की रेप पीड़ित की मौत हो गई है। सफदरजंग अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था जहां कल रात 11 बजकर 40 मिनट पर उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों के मुताबिक कल रात साढ़े आठ बजे उसकी हालत अचानक बिगड़ने लगी। डॉक्टरों ने पूरी कोशिश की लेकिन उसको बचाया नहीं जा सका। उन्नाव पुलिस ने पांचो आरोपियों को 5 दिसंबर को ही गिरफ्तार कर लिया था जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। आज पुलिस इन आरोपियों का रिमांड मांगेगी।
वहीं बेटी की मौत की खबर से रेप पीड़िता के पिता सदमे में हैं। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी के गुनहगारों का हैदराबाद गैंगरेप के आरोपियों जैसा एनकाउंटर कर दिया जाना चाहिए। रेप पीड़िता के पिता ने कहा कि उनकी बेटी के गुनहगारों को कड़ी से कड़ी सजा दिए जाने की जरूरत नहीं है। हैदराबाद में जो कांड हुआ है, वही सजा मिले। या फिर दौड़ाकर गोली मारी जाए। या फिर फांसी दी जाए।
बता दें कि घटना बिहार थानाक्षेत्र के सिंदुपुर गांव की है। पीड़िता को लखनऊ के श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां डॉक्टरों ने कहा कि वह 90 फीसदी तक जल गई है और उसकी हालात बहुत गंभीर है। पीड़िता के साथ पिछले साल दिसंबर में रेप हुआ था। पीड़िता ने एसडीएम दयाशंकर पाठक के सामने दिए बयान में बताया कि वह मामले की पैरवी के लिए रायबरेली जा रही थी।
जब वह गौरा मोड़ के पास पहुंची थी तभी पहले से मौजूद गांव के हरिशंकर त्रिवेदी, रामकिशोर त्रिवेदी, उमेश बाजपेयी और रेप के आरोपित शिवम त्रिवेदी, शुभम त्रिवेदी ने उस पर हमला कर दिया और उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। पीड़िता ने आरोप लगाया कि शिवम और शुभम त्रिवेदी ने दिसंबर 2018 में उसे अगवा कर उससे रेप किया था। हालांकि इस संबंध में प्राथमिकी मार्च में दर्ज की गई थी।
पुलिस के अनुसार पीड़िता अधजली अवस्था में काफी दूर तक दौड़ कर आयी थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने जब उसे देखा तो पुलिस को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़िता को पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भेजा जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया। बाद में जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने उसकी स्थिति गंभीर देखते हुए लखनऊ के लिए रेफर कर दिया।