नई दिल्ली: उन्नाव रेप केस पीड़िता के पिता की मौत के मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने अपना फैसला शुक्रवार को सुना दिया। कोर्ट ने पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत 7 लोगों को 10 साल कैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा कोर्ट ने कुलदीप और उसके भाई अतुल के ऊपर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह रकम दोषियों की तरफ से पीड़िता के परिवार को दी जाएगी। आपको बता दें कि 9 अप्रैल 2018 में दुष्कर्म पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी।
गुरुवार को अदालत ने फैसला रख लिया था सुरक्षित
इससे पहले अदालत ने गुरुवार को इस मामले में सजा सुनाने को लेकर अपना आदेश आज तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। तीस हजारी कोर्ट के जिला जज धर्मेश शर्मा ने कहा था कि वे इस मामले में शुक्रवार को सजा सुनाएंगे। यह मामला 9 अप्रैल 2018 में दुष्कर्म पीड़िता के पिता की मौत से संबंधित है, जिसमें सेंगर और उसके भाई समेत 7 लोगों को दोषी ठहराया गया था। सेंगर ने उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में 2017 में मृतक की बेटी के साथ दुष्कर्म किया था और उसे पिछले साल बची हुई जिंदगी जीने के लिए जेल भेज दिया गया था।
सीबीआई ने की थी अधिकतम सजा की मांग
गुरुवार को CBI ने सातों दोषियों के लिए अधिकतम सजा की मांग की थी। सरकारी वकील ने अदालत से कहा था, ‘उन्हें अधिकतम सजा दी जानी चाहिए क्योंकि एक निर्दोष व्यक्ति को पीट-पीटकर मार डाला गया। उन्होंने एक जघन्य अपराध किया।’ वहीं, दोषियों के वकील ने सजा कम करने की गुजारिश की। सेंगर ने अदालत से कहा कि वह निर्दोष है और उसे छोड़ दिया जाना चाहिए। सेंगर ने कहा, ‘मेरा पिछला रिकॉर्ड देखें और मुझे छोड़ दें। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है।’
पुलिस अधिकारी ने कहा, मेरे बच्चे सड़क पर आ जाएंगे
एक पुलिस अधिकारी, जिसे इस मामले में दोषी ठहराया गया, ने हाथ जोड़कर अदालत से गुहार लगाई थी कि उसका चरित्र हमेशा अच्छा रहा है। उसने कहा था, ‘मेरे पास घर नहीं है। मेरे बच्चे सड़क पर होंगे।’ जज ने पलटवार करते हुए कहा था, ‘हर किसी का परिवार होता है। आपको अपराध करते समय इसके बारे में सोचना चाहिए था। आपने सिस्टम का मजाक उड़ाया है।’ सभी दोषियों को आपराधिक साजिश, हत्या, सबूतों को गायब करना, उनसे छेड़खानी करना, गलत रिकॉर्ड तैयार करना और किसी व्यक्ति को गलत तरीके से रोकना और शस्त्र अधिनियम जैसे अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था।