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उन्नाव रेप कांड में कुलदीप सिंह सेंगर दोषी करार, दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट का फैसला

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने आज 2017 के उन्नाव अपहरण और बलात्कार मामले में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से संबंधित मामले में उन्हें दोषी करार दिया है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 16, 2019 16:00 IST
Kuldeep Singh Sengar- India TV Hindi
Kuldeep Singh Sengar

नई दिल्ली: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने आज 2017 के उन्नाव अपहरण और बलात्कार मामले में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से संबंधित मामले में उन्हें दोषी करार दिया है। वहीं, सह आरोपी शशि सिंह को छोड़ दिया है। इस मामले में सजा का ऐलान 17 दिसंबर को किया जाएगा। बता दें कि सेंगर ने 2017 में एक युवती का कथित तौर पर अपहरण करने के बाद उससे बलात्कार किया था। उस समय युवती नाबालिग थी। अदालत ने सह आरोपी शशि सिंह के खिलाफ भी आरोप तय किए थे। 

उप्र की बांगरमऊ विधानसभा सीट से चौथी बार विधायक बने सेंगर को इस मामले के बाद अगस्त 2019 में भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था। अदालत ने नौ अगस्त को विधायक और सिंह के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, अपहरण, बलात्कार और पोक्सो कानून से संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय किए थे। बंद कमरे में हुई सुनवाई में जिला जज धर्मेश शर्मा ने कहा था कि वह 16 दिसंबर को इस मामले में फैसला सुनाएंगे।

सेंगर पर आरोप लगाने वाली युवती की कार को 28 जुलाई में एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी, जिसमें वह गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी। दुर्घटना में युवती की दो रिश्तेदार मारी गईं और उसके परिवार ने इसमें षड्यंत्र होने के आरोप लगाए थे। उच्चतम न्यायालय ने उन्नाव बलात्कार मामले में दर्ज सभी पांच मामलों को एक अगस्त को उत्तरप्रदेश में लखनऊ की अदालत से दिल्ली की अदालत में स्थानांतरित करते हुए निर्देश दिया कि रोजाना आधार पर सुनवाई की जाए और इसे 45 दिनों के अंदर पूरा किया जाए।

न्यायालय ने यह व्यवस्था पीड़िता द्वारा भारत के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखे पत्र पर संज्ञान लेते हुए दी थी। बलात्कार मामले में बंद कमरे में हुई सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों और बचाव पक्ष के नौ गवाहों से जिरह हुई। बलात्कार पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए यहां स्थित एम्स अस्पताल में एक विशेष अदालत भी बनाई गई। पीड़िता को लखनऊ के एक अस्पताल से हवाई एंबुलेन्स के जरिये दिल्ली ला कर यहां भर्ती कराया गया था। उच्चतम न्यायालय के आदेशों पर युवती और उसके परिवार को सीआरपीएफ की सुरक्षा दी गई है।

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