नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने उन्नाव दुष्कर्म मामले के जांच अधिकारी को 16 अगस्त को पीड़िता की चिकित्सकीय स्थिति के बारे में मुहरबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। जिला जज धर्मेश शर्मा ने यह निर्देश तब दिया, जब जांच अधिकारी ने उन्हें बताया कि दिल्ली के एम्स के डॉक्टरों ने अदालत के लिखित निर्देश के बिना लिखित में कोई भी रिपोर्ट देने से इनकार कर दिया है। सड़क दुर्घटना के बाद दुष्कर्म पीड़िता का एम्स में उपचार चल रहा है। जांच अधिकारी ने 19 वर्षीया दुष्कर्म पीड़िता की चिकित्सकीय स्थिति के बारे रिपोर्ट मांगने के अदालत के पूर्व के आदेश के अनुरूप एम्स से संपर्क किया था।
अदालत ने पूर्व के निर्देश में जांच अधिकारी को दुष्कर्म पीड़िता और उनके वकील की चिकित्सकीय स्थिति से अवगत कराने और मुहरबंद लिफाफे में इसे 13 अगस्त को पेश करने को कहा था। उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद उन्नाव पीड़िता को लखनऊ में किंग जार्ज हॉस्पिटल से विमान के जरिए एम्स ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था। भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने पीड़िता से कथित तौर पर बलात्कार किया था। उत्तरप्रदेश के रायबरेली में 28 जुलाई को एक ट्रक ने पीड़िता की कार को टक्कर मार दी थी जिसमें उसकी दो रिश्तेदार की मौत हो गयी। घटना में पीड़िता और उसके वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे।