नई दिल्ली: जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के मामले में आज जहां भारत को एक बड़ी कामयाबी मिल सकती है, वहीं चीन को तगड़ा झटका लग सकता है। मीडिया में आई रिपोर्ट्स के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र आज पुलवामा आतंकी हमलों के जिम्मेदार जैश चीफ को ग्लोबल आतंकी घोषित कर सकता है। वहीं, अभी तक इस मामले को लेकर वीटो का इस्तेमाल करता आया चीन अपने कदम पीछे खींच सकता है। आपको बता दें कि भारत पिछले काफी समय से मसूद को ग्लोबल आतंकी घोषित करवाने के लिए जुटा हुआ था। यदि आज मसूद पर बैन लगता है तो यह कूटनीतिक स्तर पर भारत के लिए बड़ी कामयाबी होगी।
शी जिनपिंग से मिले थे इमरान खान
इससे पहले आतंकी मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के भारत के प्रयासों में रोड़ा अटका रहे चीन के रुख में नरमी के संकेत मिले थे। चीन ने मंगलवार को कहा था कि वह मसूद अजहर के मामले को उचित रूप से हल करेगा, लेकिन इसके लिए चीन की तरफ से कोई समय-सीमा नहीं दी गई थी। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा था, ‘मैं केवल इतना कह सकता हूं कि मुझे भरोसा है कि उचित तरीके से इसका समाधान निकलेगा।’ आपको बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत भी हुई थी।
बड़े देशों की एकजुटता से दबाव में आया चीन
आपको बता दें कि अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की तरफ से अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने को लेकर संयुक्त रूप से प्रस्ताव पेश किया गया था, जिसके बाद चीन पर खासा दबाव था। इससे पहले चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में 4 बार इस मामले में रोड़ा अटका चुका था। मार्च महीने जब मसूद अजहर ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में आया तो चीन ने इस मामले को टेक्निकल होल्ड पर डाल कर भारत के प्रयासों पर पानी फेर दिया। भारत ने पुलवामा आतंकी हमले में CRPF के 40 जवानों की शहादत के बाद यह कोशिश की थी।
मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने का असर
मसूद अजहर को यदि संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल आतंकी घोषित करता है तो दुनियाभर के देशों में उसकी एंट्री पर बैन लग जाएगा। इसके साथ ही वह दुनिया के किसी भी देश में आर्थिक गतिविधियां नहीं कर सकेगा। वहीं, संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों को मसूद के बैंक अकाउंट्स और प्रॉपर्टी को फ्रीज करना पड़ेगा। मसूद अजहर से संबंधित व्यक्तियों या उसकी संस्थाओं को कोई मदद भी नहीं मिल सकेगी। इन सबके अलावा अभी तक इस खतरनाक आतंकी को पाल रहे पाकिस्तान को भी उसके खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध लगाने पड़ेंगे और उसके टेरर कैंपों के साथ-साथ उसके मदरसों को भी बंद करना पड़ेगा।