नयी दिल्ली। सात केंद्रीय मंत्रियों ने रविवार को उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू से मुलाकात की और 11 अगस्त को सदन में कुछ विपक्षी सदस्यों के कथित उपद्रवी कृत्यों के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों ने नायडू से मुलाकात की और विपक्षी सदस्यों के कृत्यों को 'अभूतपूर्व और हिंसक' बताया। मंत्रियों ने इस संबंध में सभापति को एक ज्ञापन सौंपा। नायडू के साथ बैठक में प्रतिनिधिमंडल ने सदन में मार्शलों को उनका काम करने से रोके जाने का भी जिक्र किया।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि वह इस मामले पर गौर करेंगे और उचित कार्रवाई के संबंध में फैसला लेंगे। राज्यसभा सभापति से मुलाकात करने वाले मंत्रियों में पीयूष गोयल, प्रह्लाद जोशी, मुख्तार अब्बास नकवी, धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, अर्जुन राम मेघवाल और वी. मुरलीधरन शामिल रहे। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह भी बैठक में मौजूद रहे।
नायडू ने समिति के उपाध्यक्ष सस्मित पात्रा से भी मुलाकात की, जो राज्यसभा में हुई घटनाओं के वक्त अध्यक्ष थे। नायडू शनिवार को संसद भवन गए थे और उन्होंने सदन में दृश्यों की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग देखी जिसमें कुछ सदस्यों और मार्शलों के बीच झड़प भी शामिल है।
इससे पहले नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मामले पर चर्चा की और घटना में शामिल सांसदों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संकेत दिया। सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा के सभापति एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति बनाने, घटनाओं पर गौर करने और भविष्य में ऐसी घटनाएं फिर से होने से रोकने की सिफारिश करने समेत विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।