केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि आप सरकार की वजह से निर्भया के दोषियों को फांसी देने में देरी हुई है। उन्होनें कहा कि एक तरफ पूरा राष्ट्र, आहत समाज निर्भया के बलात्कारियों को मौत की सजा मिले इस न्याय का इंतजार कर रही थी। दूसरी ओर प्रदेश की आम आदमी पार्टी की सरकार पीड़ित मां को न्याय से वंचित रख रही थी। उन्होनें बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने रिव्यू पिटिशन को जुलाई 2018 में ही रिजेक्ट कर दिया था। उन्होनें कहा कि जेल विभाग जो प्रदेश सरकार ने अन्तर्गत आता है वह जुलाई 2018 से लेकर तबतक क्यों नहीं जागी जबतक निर्भया की मां ने सार्वजनिक रुप से गुहार लगाना शुरु नहीं किया। उन्होनें कहा कि रिहा होने पर सरकार ने बलात्कारी बलात्कारी को 10,000 रुपये और सिलाई किट क्यों दी गई थी? क्या आप सरकार को निर्भया की माँ के आँसू नहीं देखे?
आपको बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्भया बलात्कार मामले के दोषी मुकेश सिंह की दया याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। मुकेश 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चार दोषियों में से एक है जिन्हें फांसी की सजा का आदेश दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरूवार देर रात दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजी जिसके बाद राष्ट्रपति ने इसे खारिज कर दिया। सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति कोविंद ने मुकेश सिंह की दया याचिका को खारिज कर दिया है।
दया याचिका खारिज होने की खबर मिलने के बाद निर्भया के पिता ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ यह बहुत अच्छी बात है। जब हमने ‘फांसी देने में देरी हो सकती है’ वाली खबर सुनी तो हमारी सारी उम्मीदें धूमिल पड़ गई थीं।’’ मुकेश सिंह ने दो दिन पहले ही दया याचिका दायर की थी। दिल्ली की एक अदालत ने सात जनवरी को मृत्यु वारंट जारी करते हुए कहा था कि चारों दोषियों - मुकेश सिंह(32), विनय शर्मा (26), अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन गुप्ता (25) को 22 जनवरी की सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी। हालांकि दिल्ली सरकार ने उच्च न्यायालय में कहा था कि दोषियों को फांसी नहीं दी जा सकती है क्योंकि दोषी मुकेश ने दया याचिका दायर कर रखी है।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने शुक्रवार सुबह कहा, ‘‘गृह मंत्रालय ने मुकेश सिंह की दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेज दी है। मंत्रालय ने इसे खारिज करने की दिल्ली के उप राज्यपाल की सिफारिश को दोहराया है।’’ दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय ने मुकेश सिंह की दया याचिका गुरूवार को गृह मंत्रालय के पास भेजी थी। इससे पहले दिल्ली सरकार ने दया याचिका को खारिज करने की सिफारिश की थी।