नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने हज सब्सिडी पर बड़ा फैसला किया है। केंद्र सरकार ने हज सब्सिडी को खत्म कर दिया है। पहली बार एक लाख 75 हजार लोग बिना सब्सिडी हज यात्रा पर जाएंगे। सरकार के इस फैसले से साढ़े 7 सौ करोड़ रुपए की सालाना बचत होगी। सरकार हर हज यात्री को 45 हजार रुपए सब्सिडी के रूप में दिया करती थी।
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हज यात्रा पर दी जाने वाली रियायत इस साल से खत्म हो गई है। उनका कहना है कि हज सब्सिडी रोकने से जो पैसा बचेगा उसका इस्तेमाल अल्पसंख्यकों के विकास और महिलाओं की शिक्षा के लिए किया जाएगा। नकवी ने कहा, "यह हमारी नीति का हिस्सा है कि अल्पसंख्यकों का गरिमा के साथ व बिना तुष्टिकरण के सशक्तिकरण हो।"
सरकार के मुताबिक सब्सिडी का फायदा कुछ एजेंसियां उठाती थी। गरीब मुसलमानों के लिए सरकार अलग से कुछ व्यवस्था करेगी। आपको बता दें 2016 मे हर हज यात्री को 45 हजार की सब्सिडी दी गई थी।
बता दें कि काफी पहले से ही हज सब्सिडी को खत्म किए जाने की मांग उठती रही है। सुप्रीम कोर्ट ने साल 2012 में केंद्र सरकार को हज सब्सिडी खत्म करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि सरकार को इसे 2022 तक पूरी तक खत्म कर देना चाहिए।
सऊदी अरब द्वारा भारत का कोटा पांच हजार बढ़ाए जाने के बाद इस साल सबसे बड़ी संख्या में भारतीयों के हज यात्रा पर जाने की उम्मीद है। इस साल कुल 1.75 लाख भारतीय मुस्लिम हज पर जा सकते हैं।
क्या है हज सब्सिडी?
हर साल भारत से हजारों मुसलमान सऊदी अरब हज के लिए जाते हैं। यात्रा के खर्च का कुछ हिस्सा सरकार सब्सिडी के रूप में देती थी। सरकार हर हज यात्री को 45 हजार तक की सब्सिडी देती थी। भारत से जाने वालों को दो तरह की सब्सिडी दी जाती थी। सुविधाओं के आधार पर अजीजिया और ग्रीन श्रेणी के यात्री होते थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 2022 तक सब्सिडी खत्म किया जाए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने हज सब्सिडी खत्म की।