नई दिल्ली। भाजपा की फायर ब्रांड नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा है। उमा भारती ने नड्डा को लिखे पत्र में अयोध्या बाबरी मस्जिद मामले का जिक्र करते हुए कहा है कि 30 सितंबर को लखनऊ की विशेष अदालत में फैसला सुनने के लिए मुझे पेश होना है। मैं कानून को वेद, अदालत को मंदिर एवं जज को भगवान का रूप मानती हूं। इसलिए अदालत का हर फैसला मेरे लिए भगवान का आशीर्वाद होगा। मुझे अयोध्या आंदोलन में भागीदारी पर गर्व है मैंने तो हमेशा कहा है कि अयोधिया के लिए तो फांसी भी मंजूर है। मैं नहीं जानती फैसला क्या होगा किंतु मैं अयोध्या पर जमानत नहीं लूंगी। जमानत लेने से आंदोलन में भागीदारी की गरिमा कलंकित होगी। ऐसे हालातों में आप मुझे नई टीम में रख पाते हैं कि नहीं इस पर विचार कर लीजिए।
बता दें कि, 28 साल पुराने बाबरी विध्वंस मामले में लखनऊ में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट 30 सितंबर को फैसला सुनाने वाली है। इस मामले में उमा भारती के अलावा बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी समेत अन्य आरोपी हैं। बता दें कि, कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद ऋषिकेश स्थित AIIMS में इनका इलाज चल रहा है। उमा भारती ने सोमवार (28 सितंबर) को अपने ट्वीट में लिखा, 'मैं अभी-अभी एम्स ऋषिकेश में भर्ती हो गई हूं, इसके तीन कारण है- पहला केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन जी बहुत चिंता कर रहे हैं, दूसरा- मेरे को रात में बुखार बढ़ गया और तीसरा- मेरी एम्स में जांच-पड़ताल होने के बाद यदि मुझे सकारात्मक रिपोर्ट मिली तो मैं परसों लखनऊ की सीबीआई कोर्ट में पेश होना चाहती हूं।'
सीबीआई के विशेष जज एस के यादव ने लालकृष्ण आडवाणी, एमएम जोशी, कल्याण सिंह और उमा भारती समेत सभी आरोपियों को फैसले के दिन (30 सितंबर) अदालत में उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं। 6 दिसम्बर 1992 को विवादित ढांचा विध्वंस के इस मामले में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, बीजेपी नेता विनय कटियार, महंत नृत्य गोपाल दास और साध्वी रितम्बरा समेत कुल 32 अभियुक्त हैं।