अमरावती: ब्रिटेन से आंध्र प्रदेश के राजामहेंद्रवरम में आयी 47 वर्षीय महिला में कोरोना के नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई है लेकिन राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि प्रदेश में नए वायरस का संक्रमण नहीं फैला है। राज्य के स्वास्थ्य आयुक्त कतमनेनी भास्कर ने हैदराबाद के कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि ब्रिटेन से लौटे 12 यात्रियों में संक्रमण की पुष्टि हुई थी और इनमें से केवल महिला ही नए प्रकार के वायरस से संक्रमित पायी गयी है।
यह महिला पिछले दिनों अपने बेटे के साथ इंग्लैंड से भारत लौटी थी और इन दोनों को दिल्ली में क्वारनटीन किया गया था। यूनाइटेड किंगडम से दिल्ली पहुंचने पर दोनों को क्वारनटीन किया गया तो दोनों राष्ट्रीय राजधानी से बचकर निकल गए और फिर एपी एक्सप्रेस के जरिए अपने घर आंध्र प्रदेश पहुंच गए। अधिकारियों ने जब महिला को तलाशा तो उनके बारे में पता चला कि उन्हें कोरोना के नए स्ट्रेन के लक्षण हैं।
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भास्कर ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘महिला के बेटे में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई जबकि महिला के संपर्क में आया एक व्यक्ति भी संक्रमण नहीं मिला है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में नए प्रकार के कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं फैला है। हम लगातार हालात की निगरानी कर रहे हैं और घबराने की बात नहीं है। मैं लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील करता हूं।’’
भास्कर ने कहा कि हालिया दिनों में ब्रिटेन से 1432 लोग राज्य आए थे और उनमें से 1406 का पता लगा लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने सभी नमूनों को जीनोम जांच के लिए हैदरबाद में सीसीएमबी के पास भेज दिया है। हमें 23 नमूनों के नतीजों का इंतजार है।’’
बता दें कि ब्रिटेन से लौटे 6 यात्री कोरोना के नए वायरस कोरोना स्ट्रेन से संक्रमित पाए गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी पुष्टी की है। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि सभी 6 यात्रियों को अकेले-अकेले कमरे में आइसोलेट किया गया है। कोरोना का नया वायरस सबसे पहले ब्रिटेन में मिला था और इसे पुराने वायरस के मुकाबले ज्यादा घातक और ज्यादा तेजी से फैलने वाला वायरस बताया जा रहा है।
इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले दिनों ब्रिटेन से भारत आए लोगों के लिए विशेष निर्देश जारी किए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश के मुताबिक वे सभी अंतरराष्ट्रीय यात्री जीनोम सीक्वेंसिंग का हिस्सा होंगे जो नौ से 22 दिसंबर तक भारत पहुंचे हैं और कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। केंद्र यह कवायद इसलिए कर रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं ये लोग विषाणु के उस नए प्रकार से तो संक्रमित नहीं हैं जो हाल में ब्रिटेन में पाया गया है।
क्या होती है जीनोम सीक्वेंसिंग
जीनोम सीक्वेंसिंग किसी वायरस का बायोडाटा होता है। कोई वायरस कैसा है, कैसा दिखता है, इसकी जानकारी इसी से मिलती है। इसी वायरस के विशाल समूह को जीनोम कहा जाता है। वायरस के बारे में जानने की विधि को जीनोम सीक्वेंसिंग कहते हैं।