नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पालघर जिले में चोर होने के संदेह में बृहस्पतिवार रात तीन लोगों की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या कर देने के मामले में राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है। वहीं मुख्यमंत्री उद्घव ठाकरे ने आज कहा कि इस मामले के पीछे कोई धार्मिक कारण नहीं है, आग लगाने का काम न करें। यह कोई मजहब की बात नहीं है। सिर्फ गलतफहमी के कारण यह हत्या हुई है।
उद्धव ठाकरे ने घटना को लेकर कहा कि मेरी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी बात हुई है। हर किसी को इस बारे में समझाया गया है कि ये धर्म से जुड़ा मामला नहीं है, लेकिन जो भी सोशल मीडिया के जरिए आग लगाने और मामला भड़काने की कोशिश करेगा उसपर कड़ा एक्शन लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस घटना के संबंध में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है और सीआईडी क्राइम के नेतृत्व में जांच के लिए कहा गया है। पुलिस ने दो साधुओं, एक ड्राइवर और घटना के वक्त ही पुलिसकर्मियों पर हमला करने के सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
उन्होंने यह भी बताया कि यह क्षेत्र आने जाने के लिए दुर्गम क्षेत्र है। जिस वक्त ये घटना हुई, ये साधू गुजरात जाना चाह रहे थे। उन्हें दादर नगर हवेली सीमा पर रोका गया और लौटाया गया। वहां पर उनको रोका जाता और दूसरे दिन सुबह सरकार के साथ सलाह मश्विरा करके फैसला हो सकता था, लेकिन हुआ नहीं जो दुर्भाग्य की बात है।
बता दें कि रविवार रात उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फोन पर बात की है और संतों के हत्यारों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का आग्रह किया है। सोमवार को योगी आदित्यनाथ ने अपने ट्विटर हेंडल पर बताया कि उद्धव ठाकरे ने सभी दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की बात कही है।
इसके अलावा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने महाराष्ट्र के पालघर जिले में जूना अखाड़ा के दो संतों की भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या किये जाने की घटना की रविवार को कड़ी निंदा की।