नई दिल्ली। शुक्रवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे राजधानी नई दिल्ली में थे। राजधानी में उन्होंने सबसे पहले पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इसके बाद उद्धव कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर उनसे मिलने पहुंचे। सोमवार शाम हो ही उन्होंने भाजपा के 'लौह पुरुष' लाल कृष्ण आडवाणी से भी मुलाकात की। उद्धव ठाकरे ने देर शाम गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की।
सीएए से डरने की जरूरत नहीं है- उद्धव
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के बाद कहा कि सीएए से डरने की जरूरत नहीं है और एनपीआर से किसी को भी देश से बाहर नहीं निकाला जाएगा। महाराष्ट्र में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की गठबंधन सरकार का मुख्यमंत्री बनने के बाद ठाकरे की मोदी से यह पहली बैठक थी। ठाकरे ने प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद कहा, ''महाराष्ट्र के मुद्दों पर प्रधानमंत्री के साथ चर्चा अच्छी रही। मैंने प्रधानमंत्री के साथ सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर भी चर्चा की। सीएए से किसी को डरने की जरूरत नहीं। एनपीआर से किसी को भी देश से बाहर नहीं निकाला जाएगा।''
उन्होंने गठबंधन सरकार में टकराव से इनकार करते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस और राकांपा एनपीआर और सीएए पर मुख्यमंत्री के रुख को लेकर नाराज हैं। ठाकरे ने कहा, ''गठबंधन सरकार में शामिल सहयोगी दलों के बीच कोई टकराव नहीं है। हम पांच साल सरकार चलाएंगे।'' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने उन्हें महाराष्ट्र सरकार को हर तरह का सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
पहली बार कांग्रेस अध्यक्ष के आवास पर पहुंचा शिवसेना का कोई प्रमुख
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की और सहयोग के लिए धन्यवाद किया। मुलाकात के दौरान ठाकरे के पुत्र और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे भी थे। पहली बार शिवसेना का कोई प्रमुख कांग्रेस अध्यक्ष के आवास पर पहुंचा। सूत्रों के मुताबिक इस मुलाकात के दौरान ठाकरे ने सहयोग के लिए सोनिया का धन्यवाद किया और राज्य सरकार के अब तक कुछ कदमों और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
सोनिया और उद्धव की मुलाकात उस वक्त हुई है जब वीर सावरकर, एनआरसी एवं एनपीआर और भीमा-कोरेगांव जैसे मामलों को लेकर शिवसेना एवं कांग्रेस के नेता हाल के दिनों में अलग अलग ध्रुव पर नजर आए हैं। गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व गठबंधन सरकार का गठन किया। उद्धव के शपथ ग्रहण के लिए आदित्य ठाकरे ने सोनिया को उनके आवास पर जाकर निमंत्रित किया था। शिवसेना की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को भी न्यौता दिया गया था, लेकिन तीनों में से कोई भी शामिल नहीं हुआ। कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेता शपथ ग्रहण में शामिल हुए थे।
इनपुट- भाषा