मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले की जांच केंद्र सरकार को नहीं सौंपेगी। पुणे के शनिवारबाड़ा में 31 दिसंबर 2017 को आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन में कथित तौर पर दिए गए भड़काऊ भाषण के परिणामस्वरूप हिंसा भड़की थी। महाराष्ट्र सरकार ने हाल में एल्गार परिषद मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने की मंजूरी दी थी।
ठाकरे ने कहा, ‘‘एल्गार और कोरेगांव-भीमा दो अलग विषय हैं। मेरे दलित भाइयों से जुड़ा मुद्दा कोरेगांव-भीमा का है और इसे मैं केंद्र को नहीं सौंपूंगा। मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि दलित भाइयों के साथ कोई अन्याय नहीं होगा।’’ एल्गार परिषद की जांच एनआईए को सौंपने के ठाकरे के फैसले पर राकांपा प्रमुख शरद पवार ने हाल में सार्वजनिक तौर पर नाखुशी जाहिर की थी।
शरद पवार ने कहा था कि केंद्र सरकार का NIA को एल्गार परिषद मामला दिए जाने का निर्णय अनुचित था। लेकिन, इससे ज्यादा अनुचित है कि राज्य सरकार (शिवसेना, NCP और कांग्रेस की गठबंधन वाली सरकार) ने इसे मंजूरी दे दी। पवार ने कहा था कि कानून और व्यवस्था बनाए रखना एक राज्य का विषय है। इसके बाद आज सीएम ठाकरे ने कोरेगांव-भीमा हिंसा की जांच केंद्र को सौंपने से इनकार किया।