नई दिल्ली: भारत से बैर रखने वाले पाकिस्तान को मोदी सरकार में झटके पर झटके मिलते जा रहे हैं। पहले ही भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने के फैसले पर पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ था कि अब मुस्लिम देशों के संगठन में बड़ा रसूख रखने वाले UAE ने भारत सरकार के फैसले का समर्थन कर पाकिस्तान के जख्म पर नमक छिड़क दी।
भारत में UAE के राजदूत डॉ अहमद अल बन्ना ने कहा कि उनकी समझ से राज्यों के पुनर्गठन स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक अनोखी घटना नहीं है और इसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय असमानता को कम करना और दक्षता में सुधार करना था। उन्होंने जम्मू और कश्मीर राज्य से संबंधित इस नवीनतम निर्णय को भारतीय संविधान द्वारा निर्धारित आंतरिक मामले के रूप में देखा।
राजदूत बन्ना ने उम्मीद जताई कि भारत सरकार के इस फैसले से जम्मू-कश्मीर राज्य के लोगों के साथ-साथ लद्दाख के लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा तथा कल्याण होगा। उन्होंने कहा कि "हम उम्मीद करते हैं कि परिवर्तन सामाजिक न्याय, सुरक्षा और स्थानीय शासन में लोगों के विश्वास में सुधार करेंगा। साथ ही आगे स्थिरता और शांति को प्रोत्साहित करेगा।
UAE के राजदूत डॉ अहमद अल बन्ना का इस तरह का रुख पाकिस्तान के लिए झटके जैसा ही है। क्योंकि, भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के मामले को पाकिस्तान मुस्लिम देशों के संगठन के सामने उठाने की फिराक में था लेकिन संगठन में बड़ा रसूख रखने वाले UAE की ओर से आए ऐसे बयान से पाकिस्तान को ये अहसास हो गया होगा कि वहां भी उसकी दाल नहीं गलने वाली।