पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की परेशानी बढ़ानेवाली एक और खबर सामने आई है। मुजफ्फरपुर के बाद अब बिहार के एक और शेल्टर होम पर सवाल उठे है। इस बार पटना के एक बालिका गृह में एक लड़की समेत दो लोगों की संदिग्ध हालत में मौत का मामला सामने आया है। पुलिस फिलहाल शेल्टर होम चलाने वाली महिला से पूछताछ कर रही है। मामला पटना शहर के राजीवनगर थाना अंतर्गत नेपाली नगर में संचालित एक शेल्टर होम का है।
पटना प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक नैय्यर हसनैन खान ने बताया कि इस मामले में उक्त शेल्टर होम के संचालक चिरंतन कुमार और उसे संचालित करने वाली स्वयं सेवी संस्था :एनजीओ: की कोषाध्यक्ष मनीषा को गिरफ्तार करके उनसे पूछताछ की जा रही है। इससे पहले समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार ने बताया था कि गत 10 अगस्त की शाम में उक्त शेल्टर होम में रह रही दो महिलाओं (उम्र 17 और 40 साल) की तबीयत अचानक खराब (एक को डायरिया और दूसरे को बुखार) होने पर अतिरिक्त निदेशक, बाल संरक्षण कामत ने उन्हें इलाज के लिए पटना मेडिकल कालेज भेजा था।
पटना मेडिकल कालेज अस्पताल के अधीक्षक राजीव रंजन प्रसाद के उक्त कथन पर कि उन महिलाओं को अस्पताल मृत लाया गया था, राजकुमार ने कहा कि इसकी पटना के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक तथा विभाग के दो अतिरिक्त निदेशक, बाल संरक्षण राकेश और विनोद द्वारा जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि उन लड़कियों को अस्पताल ले जाने वाले वाहन चालक ने उन्हें पीएमसीएच जीवित अवस्था में ले जाने की बात बतायी है।
राजकुमार ने बताया कि दोनों शवों का पोस्टमार्टम कल किया गया था उनमें एक लड़की जिसकी उम्र 17 साल थी उसका अंतिम संस्कार अतिरिक्त निदेशक, बाल संरक्षण कामत और उक्त शेल्टर होम को संचालित करने वाली संस्था अनुमाया द्वारा कर दिया गया था जबकि दूसरी के धर्म के बारे में पता नहीं होने के कारण उसका अभी तक अंतिम संस्कार नहीं किया जा सका है। उन्होंने बताया कि जांच के अनुसार रिपोर्ट प्राप्त होने पर दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी। पटना प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक नैय्यर हसनैन खान ने बताया कि इस मामले में पटना के जिलाधिकारी कुमार रवि और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज द्वारा उक्त शेल्टर होम जाकर जांच की गयी है।
उन्होंने बताया कि शुरूआती जांच में शेल्टर होम में रहने के दौरान दोनों महिलाओं के इलाज में लापरवाही बरते जाने की बात सामने आ रही है और यदि यह सिद्ध होता है तो वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से कहा है कि वहां रह रही लड़कियों और महिलाओं की देखभाल के लिए जिम्मेवार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें। खान ने बताया कि जिस महिला का अभी तक अंतिम संस्कार नहीं किया गया है उसके शव का पोस्टमार्टम फिर से मेडिकल बोर्ड द्वारा कराये जाने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने कहा कि उक्त शेल्टर होम से जुडे़ लोगों ने दोनों महिलाओं की मौत होने की सूचना न तो राजीवनगर थाने और न ही पीएमसीएच के करीब के थाना पीरबहोर को दी तथा दोनों शवों का कल पोस्टमार्टम कराकर उसमें से एक का आनन फानन में अंतिम संस्कार भी कर दिया। खान ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को यह भी जांच करने को कहा गया है कि शेल्टर होम के संचालन के लिए जिम्मेदार लोगों ने पुलिस को दोनों की मौत की इत्तला क्यों नहीं दी और इसे पुलिस से क्यों छुपाया तथा पोस्टमार्टम कराकर उसमें से एक का आनन फानन में अंतिम संस्कार क्यों कर दिया।
उल्लेखनीय है कि गत 10 अगस्त को ही उक्त शेल्टर होम से तीन लड़कियां फरार हो गयी जबकि फरार होने की कोशिश कर रही एक अन्य लडकी की शिकायत पर शेल्टर होम के पड़ोस में रह रहे बनारसी नाम के एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उक्त लड़की ने उस व्यक्ति पर छेड़छाड़ करने तथा प्रलोभन देकर भगाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। राजकुमार ने बताया कि बिहार में इस तरह के तीन शेल्टर होम हैं जहां मानसिक तौर पर बीमार लड़कियों और महिलाओं को रखा जाता है।