Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. बेंगलुरू एयरशो रिहर्सल के दौरान बड़ा हादसा, दो सूर्य किरण विमान टकराए; एक पायलट की मौत

बेंगलुरू एयरशो रिहर्सल के दौरान बड़ा हादसा, दो सूर्य किरण विमान टकराए; एक पायलट की मौत

एरो इंडिया 2019 में अभ्यासरत 2 सूर्यकिरण विमान आपस में टकराकर दुर्घटना का शिकार हुए, दोनों विमानों के पाइलेट सुरक्षित हैं। सूर्यकिरण एयरफोर्स की एक्रोबेटिक टीम का हिस्सा हैं जिसका इस्तेमाल ट्रेनिंग और एयर शो में करतब दिखाने के लिए होता है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : February 19, 2019 14:23 IST
बेंगलुरू एयरशो रिहर्सल के दौरान बड़ा हादसा, दो सूर्य किरण विमान टकराए; एक पायलट की मौत
बेंगलुरू एयरशो रिहर्सल के दौरान बड़ा हादसा, दो सूर्य किरण विमान टकराए; एक पायलट की मौत

नई दिल्ली: बेंगलुरु में एयर शो के दौरान बड़ा हादसा हुआ है। एयर शो के दौरान दो सूर्यकिरण विमान एक दूसरे से टकरा गए। एयरबेस से टेकऑफ के फौरन बाद दोनों सूर्यकिरण प्लेन आसमान में टकरा गए। येलाहांका एयरबेस से उड़ान भरने के चंद मिनट बाद ही दोनों विमान क्रैश हो गए। टक्कर होते ही विमान के पायलट ने खुद बाहर इजेक्ट कर लिया। पल भर में ही विमान जमीन पर आ गिरे और उनमें आग लग गई। हादसे में विमान के पायलटों में से एक पायलट की मौत हो गई जबकि दूसरा पायलट जख्मी है। बता दें कि कल से बेंगलुरु में एयर शो शुरू होना है और उससे पहले इस हादसे ने सबको सकते में ला दिया है।

सूर्यकिरण टू सीटर विमान होते हैं। सूर्यकिरण एयरफोर्स की एक्रोबेटिक टीम का हिस्सा हैं जिसका इस्तेमाल ट्रेनिंग और एयर शो में करतब दिखाने के लिए होता है। सूर्यकिरण में हॉक विमानों का इस्तेमाल होता है। पुराने किऱण विमान की तुलना में हॉक काफी एडवांस है। ये काफी तेज और फुर्तीला है। पहले सूर्यकिरण टीम इंटरमीडिएट जेट ट्रेनर किरण का इस्तेमाल करती थी। ये नौ विमानों के फोरमेशन के फ्लाई करते थे। 

27 मई 1996 को बीदर में सुर्यकिरण टीम का गठन किया गया और फिर 1998 में बेंगलुरू में हुए एयरशो के दौरान इसने अपना जलवा दिखाया। उसके बाद इसके कदम रुके नहीं, आगे बढ़ते चले गए, श्रीलंका से लेकर सिंगापुर तक इसके 450 से ज्यादा शो हुए। फिर वो दौर भी आया जब एयरो इंडिया 2011 इसकी अंतिम उड़ान साबित हुई थी लेकिन जब इसी साल फरवरी में फिर सुर्यकिरण टीम के बनने की बात हुई तो कुछ पायलट पुराने टीम में से और कुछ नये पायलट रखे गए। 

सुर्यकिरण विमान में करतब जहां 450 से 500 किलोमीटर की रफ्तार पर दिखाते थे वही हॉक में ये करतब 750 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से करने पड़ते है। ये ज्यादा देर तक हवा में उड़ सकता है, इसके एवियोनिक्स काफी अच्छे हैं। किऱण विमान में कंट्रोल मैनुअल था तो इसमें हाइड्रोलिक। पर एक बात किऱण विमान में खास थी, वो ये कि ये धीमे गति का विमान होने की वजह से इसके कारनामे आसानी से देखे जा सकते थे लेकिन हॉक में ये संभव नहीं।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement