![Two Pakistani soldiers including one Subedar killed in Nikial Sector by Indian Army](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
नई दिल्ली: पाकिस्तान ने रविवार को नियंत्रण रेखा के पास संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। भारतीय सेना की जवाबी कार्यवाही में पाकिस्तान के 2 सैनिक मारे गए और 3 सैनिक घायल हुए है। भारत और पाकिस्तान के बीच नवंबर 2003 से संघर्ष विराम लागू था किंतु पाकिस्तान अक्सर इसका उल्लंघन करता रहा। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों को आड़ देने के लिए गोलाबारी करता है।
पाकिस्तान सेना के जवानों के हताहत होने का विवरण
1. निकियाल सेक्टर में एक सूबेदार सहित दो पाकिस्तानी सैनिक मारे गए।
2. तीन पाकिस्तानी सैनिक घायल - राख चिकरी, देवा और बग्सर क्षेत्रों में एक-एक।
इससे पहले पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा पर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाने की भी खबरें आई थी। लेकिन पाकिस्तानी सेना ने मीडिया में आयी उन खबरों को "गलत और गैर जिम्मेदाराना" बताते हुए बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया था कि उसने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सैनिकों की तैनाती को देखते हुए पीओके और गिलगित-बाल्तिस्तान में सीमा पर करीब 20,000 अतिरिक्त सैनिक तैनात किए हैं।
सेना के मीडिया विंग ने ट्विटर पर एक बयान में पाकिस्तान में चीनी सैनिकों की उपस्थिति से इनकार किया और उन खबरों का खंडन किया कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में स्कर्दू एयरबेस का उपयोग चीन द्वारा किया जा रहा है। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के महानिदेशक मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने कहा कि गिलगित-बाल्तिस्तान में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर अतिरिक्त पाकिस्तानी सैनिकों की तैनाती और चीन द्वारा स्कर्दू एयरबेस के कथित इस्तेमाल का दावा करने वाली खबरें "गलत, गैर-जिम्मेदार और सच्चाई से कोसों दूर हैं।"
उन्होंने कहा कि अतिरिक्त सैनिकों की ऐसी कोई तैनाती नहीं हुयी है। इसके साथ ही हम पाकिस्तान में चीनी सैनिकों की मौजूदगी से भी इनकार करते हैं। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सैन्य टकराव के बीच मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि पाकिस्तान ने पूर्व में एलएसी पर चीनी सैनिकों की तैनाती को देखते हुए पीओके और गिलगित-बाल्तिस्तान में एलओसी पर लगभग 20,000 अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान द्वारा तैनात किए गए सैनिकों की संख्या बालकोट हवाई हमलों के बाद तैनात सैनिकों से कहीं अधिक है।