गुरुग्राम में रायन स्कूल में छात्र प्रद्युम्न की हत्या के सिलसिले में हरियाणा पुलिस ने स्कूल प्रबंधन के दो अधिकारियों को गिरफ़्तार किया है। इनमें नार्थ ज़ोन के हेड फ़्रांसिस थॉमस और को-ऑर्डिनेटर शामिल है। इस बीच मीडिया पर लाठीचार्ज के मामले में एक SHO को भी निलंबित कर दिया गया है।
प्रद्युम्न हत्या की सीबीआई जांच की मांग कर रहे लोगों पर भले ही खट्टर सरकार की पुलिस लाठियां बरसा रही हो, लेकिन तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट ने हर किसी को हैरान कर दिया है। इस रिपोर्ट में साफ साफ कहा गया है कि स्कूल में बहुत सारी ख़ामियां है। इस रिपोर्ट के बाद प्रद्युम्न के पिता इंसाफ के लिए आज सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाएंगे।
दरअसल पिता का पुलिस पर भरोसा हत्या के 48 घंटे बाद ही अठ गया था। उन्हें लगने लगा था कि जांच में कोताही बरती जा रही है और स्कूल प्रबंधन को बचाने की कोशिश हो रही है। प्रद्युम्न के पिता की अब मांग है कि स्कूल प्रबंधन के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई हो और सीबीआई से मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाए।
रिपोर्ट में क्या कहा गया है
एक दो नहीं शुरुआती जांच में ही स्कूल की 4 खामियां पाई गई हैं। रिपोर्ट में कहा गया है रायन इंटरनेशनल स्कूल के सीसीटीवी कैमरे ख़राब थे। ड्राइवर और कंडक्टर छात्रों के टॉयलेट का ही इस्तेमाल करते थे, स्कूल की बाउंड्री वॉल टूटी हुई थी, जिससे स्कूल के अंदर आना जाना बेहद आसान था और स्कूल में काम करने वाले कर्मचारियों का किसी भी तरह का कोई पुलिस वैरिफेकेशन नहीं हुआ था।
इस तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट ने रायन स्कूल के चेहरे को बेनक़ाब कर दिया है। सरकार इस रिपोर्ट पर जवाब नहीं दे पा रही है तो रायन प्रबंधन अब क़ानून की दलील देने लगा है, खुद को पीड़ित बताने लगा है। बहरहाल स्कूल प्रबंधन चाहे जो दलील दे लेकिन अंदेशा इस बात का है कि कहीं ऐसा ना हो कि स्कूल में टॉयलेट और बाथरुम लग जाने पर दहशत से बच्चों के हाथ पैर कांपने लग जाए, बच्चे स्कूल जाने से डरने लग जाए, टीचर और प्रिंसिपल के नाम से ही बच्चे ख़ौफ़ खाने लगे।