नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने बीते सप्ताह गार्गी कॉलेज में सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान छात्राओं से कथित छेड़छाड़ के मामले में दो और आरोपियों की पहचान की है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। इससे पहले बुधवार को इस मामले में 18 से 25 साल के बीच के 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। ये आरोपी महोत्सव के दौरान कॉलेज के बाहर थे।
आरोपी दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न कॉलेजों के छात्र हैं। उन्होंने कॉलेज के बाहर गेट पर जमा होकर एक कार को क्षतिग्रस्त कर दिया था। अधिकारियों ने कहा कि आरोपी कॉलेज के सुरक्षा कर्मियों द्वारा लगाए गए बैरिकेड फांदकर उनसे उलझ गए और फिर छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार किया। पुलिस को शक है कि जिन दो लोगों की पहचान गई है, वे दिल्ली-एनसीआर इलाके के कॉलेजों के छात्र हो सकते हैं।
सीबीआई जांच के लिये उच्च न्यायालय में याचिका दायर
गार्गी कॉलेज में पिछले सप्ताह एक सांस्कृतिक उत्सव के दौरान छात्राओं से कथित छेड़छाड़ मामले की अदालत की निगरानी में सीबीआई से जांच कराने का अनुरोध करते हुए बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई। इससे पहले दिन में उच्चतम न्यायालय ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था और याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय जाने के निर्देश दिये थे।
प्रधान न्यायाधीश एस.ए.बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने याचिकाकर्ता अधिवक्ता एम एल शर्मा से कहा कि उन्हें इसके लिये दिल्ली उच्च न्यायालय जाना चाहिए। शर्मा ने इस याचिका का उल्लेख करते हुये शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया था। शर्मा से पीठ ने कहा, ‘‘ आप दिल्ली उच्च न्यायालय क्यों नहीं जाते। अगर वह याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दें तब यहां आएं।’’ शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस मामले पर दिल्ली उच्च न्यायालय का दृष्टिकोण जानना चाहते हैं।
उच्चतम न्यायालय में याचिकाकर्ता ने मामले से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को नष्ट किए जाने का संदेह जाहिर किया था। इस पर शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘दिल्ली उच्च न्यायालय इस पर तेलंगाना उच्च न्यायालय जैसा फैसला दे सकता है, जिसमें उसने पुलिस मुठभेड़ मामले के इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को सुरक्षित रखने को कहा था।’’ शर्मा ने अपनी याचिका में अनुरोध किया है कि कॉलेज परिसर के सभी सीसीटीवी फुटेज और वीडियो रिकार्डिंग को सुरक्षित रखा जाये। इसके साथ ही उन्होंने इस ‘सुनियोजित आपराधिक साजिश’ के पीछे के व्यक्तियों की गिरफ्तारी की भी मांग की थी।
गार्गी कालेज में छह फरवरी को सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान कुछ व्यक्तियों का एक समूह भीतर घुस आया और उसने लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की थी। वहां मौजूद लोगों ने दावा किया कि सुरक्षाकर्मी इस घटना को चुपचाप देखते रहे। शर्मा ने उच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका में आरोप लगाया कि यह दिल्ली चुनाव की पृष्ठभूमि में एक सुनियोजित राजनीतिक और आपराधिक साजिश थी और घटना के बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई।
याचिका में दावा किया गया है, ‘‘जय श्री राम के जानबूझकर लगाये गये नारों से पता चलता है कि यह एक राजनीतिक, सुनियोजित साजिश है’’ और आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया। पुलिस के अनुसार भारतीय दंड संहिता की धाराओं 452 (हमला करना, या नुकसान पहुंचाने के इरादे से अनधिकृत तरीके से घुसना), धारा 354 (शील भंग के इरादे से महिला पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), धारा 509 (महिला के सम्मान के अनादर के आशय से कोई अश्लील शब्द कहना, हावभाव प्रकट करना या कोई कृत्य करना) और धारा 34 (साझा आपराधिक इरादा) के तहत मामला दर्ज किया गया है।