तिरुवनंतपुरम: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने बुधवार को 13 साल पहले हिरासत में दी गई यातना व हत्या के मामले में दो पुलिस कर्मियों को मौत की सजा और तीन अन्य को तीन साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। मौत की सजा पाने वालों में कांस्टेबल के.जीतुकुमार व एस.वी.श्रीकुमार शामिल हैं। इन्होंने उदयकुमार को हिरासत में लिया था, जिसके बाद में हिरासत में मौत हो गई।
अदालत ने मामले में साजिश रचने व साक्ष्यों को नष्ट करने के दोषी के तौर तत्कालीन उप निरीक्षक अजीत कुमार, सर्किल इंस्पेक्टर ई.के.साबू व तत्कालीन पुलिस सहायक आयुक्त के.हरिदास को सजा दी है। अदालत ने मंगलवार को सितंबर 2005 में फोर्ट पुलिस थाने में 26 साल के व्यक्ति की हिरासत में मौत के मामले में इन पांच लोगों को दोषी करार दिया।
पुलिस ने दो दोस्तों उदयकुमार व सुरेश कुमार को चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया है। बाद में पुलिस ने उदय कुमार को छोड़ दिया, लेकिन उसके द्वारा पुलिस हिरासत में उसके जेब से 4,000 रुपये लिए जाने की बात कहने से पुलिसकर्मी नाराज हो गए। पुलिसकर्मियों ने लोहे के रॉड से उसे क्रूर यातना दी, जिसके बाद उसकी मौत हो गई।
उदयकुमार की मां प्रभावती अम्मा ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने मीडिया से कहा, "यह सबसे अच्छी खबर है, जिसे मैं सुन रही हूं।"
उन्होंने कहा, "आखिरकार मुझे व मेरे बेटे को न्याय मिला। यह सभी पुलिसकर्मियों के लिए एक सीख होनी चाहिए कि लोगों के खिलाफ बल का प्रयोग कभी नहीं करें। इस तरह (उसके बेटे) की नियति किसी की भी न हो।"