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संसदीय समिति ने प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग पर ट्विटर को किया तलब

सूचना और प्रौद्योगिकी मामलों पर संसदीय स्थायी समिति ने ट्विटर को 18 जून को पेश होने और अपने मंच के दुरुपयोग को रोकने पर अपने विचार रखने को कहा है।

Written by: IANS
Published on: June 15, 2021 14:04 IST
Twitter Parliamentary committee summons twitter on misuse of platform संसदीय समिति ने प्लेटफॉर्म के - India TV Hindi
Image Source : AP (FILE) संसदीय समिति ने प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग पर ट्विटर को किया तलब

नई दिल्ली. सूचना और प्रौद्योगिकी मामलों पर संसदीय स्थायी समिति ने ट्विटर को 18 जून को पेश होने और अपने मंच के दुरुपयोग को रोकने पर अपने विचार रखने को कहा है। बैठक संसद परिसर में आयोजित की जाएगी, जहां ट्विटर के प्रतिनिधियों, सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारियों और समिति के सदस्यों की उपस्थिति में नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा पर चर्चा की जाएगी, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों के 31 सांसद शामिल हैं।

इस बातचीत में डिजिटल स्पेस में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर भी चर्चा होगी। नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा और सोशल मीडिया के बेजा इस्तेमाल को रोकने के मुद्दे पर बातचीत के लिए ट्विटर को तलब किया गया है। बैठक में संसदीय समिति ट्विटर के प्रतिनिधियों के विचारों को सुनेगी।

बैठक के लिए एजेंडा पेपर सदस्यों के ई-पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे और साथ ही इन्हें सदस्यों को मेल पर भी भेजा जाएगा। सदस्यों से बैठक में भाग लेने का अनुरोध किया गया है, क्योंकि सोशल नेटवकिर्ंग साइटों के दुरुपयोग की पृष्ठभूमि में यह मुद्दा बहुत संवेदनशील है। कांग्रेस नेता शशि थरूर सूचना प्रौद्योगिकी समिति के अध्यक्ष हैं, जिसमें लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सहित 31 सदस्य शामिल हैं।

सोशल नेटवकिर्ंग साइटों के दुरुपयोग का संज्ञान लेते हुए, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने सोमवार को ट्विटर, व्हाट्सएप, फेसबुक और टेलीग्राम से इन सोशल नेटवकिर्ंग साइटों पर एक पोस्ट के संबंध में एक रिपोर्ट मांगी थी। इसमें चल रही कोविड-19 महामारी के बीच अनाथ बच्चों को अवैध रूप से गोद लेने की पेशकश की गई थी।

शीर्ष बाल अधिकार निकाय ने इन चार सोशल मीडिया संस्थाओं को 10 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट जमा करने का भी निर्देश दिया है। साथ ही उन्हें चेतावनी दी है कि अगर वे इस तरह के पोस्ट के बारे में रिपोर्ट करने में विफल रहते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इन सोशल नेटवकिर्ंग साइटों को लिखे एक पत्र में, एनसीपीसीआर ने सुझाव दिया कि यदि कोई व्यक्ति ऐसी कोई सामग्री पोस्ट करता है, तो तत्काल रिपोर्ट आयोग या कानून प्रवर्तन अधिकारियों या राज्य आयोग को यूजर के विस्तृत आईपी एड्रेस के साथ भेजी जानी चाहिए।

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