नई दिल्ली: ट्विटर ने लद्दाख को चीन के हिस्से के रूप में दिखाने को लेकर अपनी गलती मान ली है और वह 30 नवंबर तक इसे सुधारने के लिए तैयार है। डेटा प्रोटेक्शन बिल पर संसद की संयुक्त समिति की चेयरपर्सन मीनाक्षी लेखी ने इसकी जानकारी दी है।
मीनाक्षी लेखी ने कहा, "हमें ट्विटर से एक हलफनामा मिला है, जिसमें उन्होंने लद्दाख के एक हिस्से को गलत तरीके से चीन के हिस्से के रूप में दिखाने की अपनी गलती स्वीकार की है और सूचित किया है कि वह इसे 30 नवंबर तक सुधारेंगे।"
गौरतलब है कि इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने लेह को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के बजाय जम्मू-कश्मीर के हिस्से के रूप में दिखाने के मुद्दे पर ट्विटर को एक नोटिस जारी किया था। मंत्रालय ने यह नोटिस 9 नवंबर को ट्विटर के ग्लोबल वाइस प्रेसिडेंट को भेजा था।
नोटिस में मंत्रालय ने कहा था कि लेह को जम्मू-कश्मीर के हिस्से के रूप में दिखाना, भारत की संप्रभु संसद (जिसने लद्दाख को भारत का केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया था, जिसका लेह में मुख्यालय है) की इच्छा को ठेस पहुंचाने के लिए ट्विटर द्वारा जानबूझकर कर किया गया प्रयास है।
मंत्रालय ने नोटिस में ट्विटर को यह जवाब देने के लिए कहा था कि क्यों गलत मानचित्र दिखाकर भारत की क्षेत्रीय अखंडता का अपमान करने के लिए ट्विटर और उसके प्रतिनिधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।
बता दें कि इससे पहले ट्विटर ने लेह को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के हिस्से के रूप में दिखाया था, जिसके बाद इलेक्ट्रॉनिकी एंव सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव द्वारा ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी को पत्र लिखकर इस पर आपत्ति जताने पर ट्विटर ने पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना को हटा दिया था।
लेकिन, ट्विटर ने लेह को केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के हिस्से के रूप में दिखाने के लिए अभी तक नक्शे को सही नहीं किया था। यह अभी भी लेह को जम्मू-कश्मीर के हिस्से के रूप में दिखा रहा है, जो भारत सरकार की आधिकारिक स्थिति के खिलाफ है।