मालेगांव। महाराष्ट्र के मालेगांव, नांदेड़, अमरावती और वाशिम में हिंसा और आगजनी की खबरें आयी हैं। हिंसा में एडिशनल SP, एक इंस्पेक्टर समेत 10 लोग घायल हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों पर पथराव किया। मालेगांव हिंसा में अबतक 4 केस दर्ज किए गए हैं। हिंसा के मामले में 4 लोगों को हिरासत में लिया गया है और इनसे पूछताछ की जा रही है।अमरावती में प्रदर्शन के दौरान 20 से ज्यादा दुकानों में तोड़फोड़ की गई है।
जानकारी के मुताबिक, त्रिपुरा हिंसा को लेकर नासिक के मालेगांव में समुदाय विशेष ने अब्दुल हमीद चौक पर प्रदर्शन और रैली निकाली थी लेकिन रैली के बीच एक ही समुदाय के दो ग्रुप आपस मे भिड़ गए और जबरदस्त पथराव हुआ है। मौके पर 5 से 6 हजार लोगों की भीड़ मौजूद थे और पुलिस बल भी उपस्थित थे। एक समुदाय के दो धड़ों में हुए पथराव के बाद पूरे शहर में तनाव बढ़ गया है। कई गाड़ियों पर भी पथराव किया गया है।
पुलिस ने लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी
मालेगांव में हिंसा के बाद बाजार बंद करा दिए गए हैं। पुलिस ने लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी है। अब्दुल हमीद चौक पर हजारों की संख्या में समुदाय विशेष के लोग उतरे थे। एक ही समुदाय के दो ग्रुप में हुई बहस के बाद हिंसा फैली। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों त्रिपुरा में हुई हिंसा के विरोध में मालेगांव में प्रदर्शन हो रहा था और उसी प्रदर्शन के दौरान लोग आपस में भिड़ गए।
त्रिपुरा हिंसा के विरोध में महाराष्ट्र के अमरावती में प्रदर्शन, दुकानों पर पथराव
पिछले महीने त्रिपुरा में हुई हिंसा के खिलाफ महाराष्ट्र के अमरावती में शुक्रवार को कुछ संगठनों के विरोध प्रदर्शन के दौरान कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा दुकानों पर पथराव करने के बाद इलाके के कई हिस्सों में तनाव फैल गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जैयाब चौराहे पर दुकानों के शीशे पर पथराव किया गया और अब दुकानदारों की शिकायत पर मामला दर्ज किया जा रहा है। त्रिपुरा के पानीसागर में भीड़ बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा के विरूद्ध प्रदर्शन करते हुए हिंसा पर उतर आयी थी और इससे एक धर्मस्थल, मकानों एवं दुकानों को नुकसान पहुंचा था।
हाल ही में बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा की खबरों के बाद त्रिपुरा में आगजनी, लूटपाट और हिंसा की घटनाएं हो रही हैं। गौरतलब है कि पड़ोसी बांग्लादेश में साम्प्रदायिक हिंसा के विरोध में विश्व हिंदू परिषद द्वारा निकाली गयी रैली के दौरान 26 अक्टूबर को चमटीला में कथित तौर पर एक मस्जिद में तोड़फोड़ की गयी और दो दुकानों में आग लगा दी गई थी। वहीं निकट के रोवा बाजार में भी उन तीन घरों और कुछ दुकानों को भी क्षति पहुंचाई गई थी, जिसका स्वामित्व कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय से संबंध रखने वाले व्यक्ति के पास है।
त्रिपुरा में अल्पसंख्यक समुदाय के पूजा स्थलों के खिलाफ कथित हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर उच्चतम न्यायालय के वकीलों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं समेत 102 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इंडियन वूमंस प्रेस कोर (आईडब्ल्यूपीसी) ने त्रिपुरा में एक पत्रकार और अन्य पर कथित तौर पर गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किये जाने को लेकर सोमवार को राज्य पुलिस की आलोचना करते हुए कहा था कि यह मीडिया को डराने व खामोश करने की कोशिश है। साथ ही, मामला फौरन वापस लिये जाने की भी मांग की थी।
त्रिपुरा पुलिस ने बीते शनिवार को 102 सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के खिलाफ यूएपीए, आपराधिक साजिश रचने और फर्जीवाड़ा करने के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया था। इसके अलावा, ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब के अधिकारियों को नोटिस जारी कर उनके अकाउंट को बंद करने तथा उन लोगों की सभी सामग्री से अवगत कराने को कहा था। उल्लेखनीय है कि इससे ठीक पहले त्रिपुरा पुलिस ने उच्चतम न्यायालय के चार वकीलों के खिलाफ यूएपीए और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एक मामला दर्ज किया था। यह मामला , राज्य में मुसलमानों को निशाना बना कर हुई हालिया हिंसा पर उनके सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए सामाजिक वैमनस्य को कथित तौर पर बढ़ावा देने को लेकर दर्ज किया गया था।