नई दिल्ली: ट्रिपल तलाक के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने आज ऐतिहासिक फ़ैसला सुनाते हुए इसको असंवैधानिक क़रार दिया। कोर्ट ने केंद्र से इस मामले में 6 महीने के अंदर क़ानून बनाने को कहा है। फ़िलाहल ट्रिपल तलाक पर 6 महीने की रोक लगा दी है। 5 में से 3 जजों ने ट्रिपल तलाक के ख़िलाफ़ बात कही। इस ऐतिहासिक फ़ैसले के बाद उत्तर प्रदेश के देवबंद स्थित मुस्लिम शिक्षण संस्थान दारूल उलूम ने कहा है कि तीन तलाक का मुद्दा कुरान और हदीस से जुड़ा हुआ है। शरीयत में कोई भी दखलअंदाज़ी बर्दाश्त नही की जाएगी। ये भी पढ़ें: ओवैसी को हैदराबाद लोकसभा सीट पर हराने की योजना पर चल रहा है काम: BJP
NBT के खबर के मुताबिक दारूल उलूम इस मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जो फैसला लेगा, वह उसके साथ है। वहीं, मेरठ के शहर काजी ने कहा कि कुरान और हदीस से अलग कोई कानून नहीं बनना चाहिए। शहर काजी प्रोफेसर जैनुस साजिद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को संसद में कानून बनाने के लिए कहा है। देशभर में उलेमाओं की जद्दोजहद रहेगी कि संसद में ऐसा कोई कानून न बनने पाए, जो कुरान और हदीस की रोशनी में न हो।
वहीं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इस फैसले को मुस्लिम महिलाओं के लिए स्वाभिमान पूर्ण एवं समानता के एक नए युग की शुरुआत बताया है। अमित शाह ने कहा कि सर्वोच्च अदालत के तीन तलाक के मुद्दे पर लिए गए ऐतिहासिक फैसले का मैं सम्मान करता हूं। ये फैसला किसी की जय या पराजय का नहीं है, ये मुस्लिम महिलाओं के समानता के अधिकार और मूलभूत संवैधानिक अधिकार की विजय है। अमित शाह ने कहा कि वो पीएम मोदी और भाजपा सरकार को मुस्लिम महिलाओं के पक्ष को विवेकपूर्ण और न्यायपूर्ण तरीके से सुप्रीम कोर्ट में रखने के लिए धन्यवाद देते हैं।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि कानून बनाना एक बड़ी जिम्मेदारी है और इस पर सरकार मिलकर फैसला करेगी। सुब्रह्मण्यम स्वामी ने भी ट्रिपल तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। स्वामी ने कहा कि अब मोदी सरकार को कॉमन सिविल कोड पर आगे बढना चाहिए।