नई दिल्ली: ट्रिपल तलाक के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने आज ऐतिहास फ़ैसला सुनाते हुए इसको असंवैधानिक क़रार दिया। कोर्ट ने केंद्र से इस मामले में 6 महीने के अंदर क़ानून बनाने को कहा है। फ़िलाहल ट्रिपल तलाक पर 6 महीने की रोक लगा दी है। 5 में से 3 जजों ने ट्रिपल तलाक के ख़िलाफ़ बात कही। इस ऐतिहासिक फ़ैसले के पीछे देश की वो पांच महिलाएं हैं जिन्हें छोटी सी बात पर उनके पति ने तलाक दे दिया और एक पल में इनकी जिंदगी बर्बाद हो गई। ये महिलाएं हैं उत्तराखण्ड की सायरा बानो, राजस्थान की आफरीन रहमान, पश्चिम बंगाल की इशरत जहां और उत्तर प्रदेश की आतिया साबरी और गुलशन परवीन। ये भी पढ़ें: ओवैसी को हैदराबाद लोकसभा सीट पर हराने की योजना पर चल रहा है काम: BJP
सायरा बानो: उत्तराखण्ड के काशीपुर की रहने वाली 37 साल की शायरा दो बच्चों की मां है। दोनों बच्चे पिता के पास रहते हैं। उनका कहना है कि वह अपने बच्चों के साथ रहना चाहती है। शायरा ने कहा कि वो न्याय लेकर अपनी जिंदगी में वापस लौटना चाहती है। सायरा ने मुस्लिम पर्सनल लॉ एप्लीकेशन कानून,1936 की धारा-दो की संवैधानिकता को चुनौती दी है।
गुलशन परवीन: 2016 में उत्तर प्रदेश के रामपुर में रहने वाली गुलशन परवीन को नोएडा में काम करने वाले पति ने दस रुपये के स्टांप पेपर पर तीन तलाकनामा भेज दिया। गुलशन की 2013 में शादी हुई थी और उसका दो साल का बेटा भी है।
आतिया साबरी: उत्तर प्रदेश की सहारनपुर की रहने वाली आतिया के पति ने वर्ष 2016 में एक कागज पर तीन तलाक लिखकर पत्नी से रिश्ता तोड़ लिया था। वर्ष 2012 में दोनों की शादी हुई थी। उनकी दो बेटियां हैं। आतिया का आरोप है कि दो बेटी होने से उसके पति और ससुर नाराज थे। ससुरालवाले आतिया को घर से निकालना चाहते थे। उसे जहर खिलाकर मारने की भी कोशिश की गई थी।
इशरत जहां: पश्चिम बंगाल के हावड़ा की रहने वाली इशरत को उसके पति ने दुबई से फोन पर तलाक दे दिया था। इतना ही नहीं उसके पति ने चारों बच्चों को भी उससे छीन लिया था। पति ने दूसरी शादी कर ली। इशरत ने याचिका दायर कर तीन तलाक को असंवैधानिक और मुस्लिम महिलाओं के गौरवपूर्ण जीवन जीने के अधिकार का उल्लंघन बताया है।
आफरीन रहमान: जयपुर की रहने वाली आफरीन के पति ने स्पीड पोस्ट के जरिए उसे तलाक का पत्र भेजा था। जबकि दोनों की शादी भी वैवाहिक पोर्टल के जरिए हुई थी। दूसरी महिलाओं की तरह से आफरीन ने भी तीन तलाक को खत्म का महिलाओं को गौरवपूर्ण जीवन जीने की मांग की है।