नयी दिल्ली: लोकसभा में 'तीन तलाक विधेयक' पर चर्चा शुरू हो गई है। बिल को सदन में पेश करते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ये मजहब का मामला नहीं है यह नारी अस्मिता का प्रश्न है। इसका विरोध नहीं किया जाना चाहिए। जब दुनिया के 20 देशों में यह कानून लागू है तो भारत जैसे सैकुलर राष्ट्र में इसका न होना किसी भी दशा में ठीक नहीं है।
केंद्र सरकार ने लोकसभा में आज विवादास्पद ‘तीन तलाक’ विधेयक पर चर्चा के बाद उसे पारित किए जाने के लिए सूचीबद्ध किया था। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने अपने सांसदों को इसके लिए व्हिप जारी किया है और उनसे सदन में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा है। विधेयक में एक साथ, अचानक तीन तलाक दिए जाने को अपराध करार दिया गया है और साथ ही दोषी को जेल की सजा सुनाए जाने का भी प्रावधान किया गया है।