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Triple Talaq Bill Live: लोकसभा में ‘‘तीन तलाक विधेयक’’ पर चर्चा शुरू, कानून मंंत्री बोले '20 देशों में कानून तो भारत में क्‍यों नहीं'

लोकसभा में 'तीन तलाक विधेयक' पर चर्चा शुरू हो गई है। बिल को सदन में पेश करते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ये मजहब का मामला नहीं है यह नारी अस्मिता का प्रश्न है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : July 25, 2019 13:07 IST
Triple talaq bill to be tabled in Lok Sabha
Triple talaq bill to be tabled in Lok Sabha

नयी दिल्ली: लोकसभा में 'तीन तलाक विधेयक' पर चर्चा शुरू हो गई है। बिल को सदन में पेश करते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ये मजहब का मामला नहीं है यह नारी अस्मिता का प्रश्‍न है। इसका विरोध नहीं किया जाना चाहिए। जब दुनिया के 20 देशों में यह कानून लागू है तो भारत जैसे सैकुलर राष्‍ट्र में इसका न होना किसी भी दशा में ठीक नहीं है। 

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केंद्र सरकार ने लोकसभा में आज विवादास्पद ‘तीन तलाक’ विधेयक पर चर्चा के बाद उसे पारित किए जाने के लिए सूचीबद्ध किया था। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने अपने सांसदों को इसके लिए व्हिप जारी किया है और उनसे सदन में अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा है। विधेयक में एक साथ, अचानक तीन तलाक दिए जाने को अपराध करार दिया गया है और साथ ही दोषी को जेल की सजा सुनाए जाने का भी प्रावधान किया गया है। 

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Triple Talaq Bill

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  • 1:06 PM (IST)

    यह मामला नारी न्याय का है। न तो धर्म का है, न जाति का है, न वोट का है, यह मामला सिर्फ और सिर्फ नारी न्याय का है। मैं सदन से आग्रह करूंगा कि ध्वनि मत से इसे पारित करें ताकि इस देश की महिलाओं को न्याय मिले: लोकसभा में रविशंकर प्रसाद

  • 1:06 PM (IST)

    इसी सदन ने नाबालिग से रेप करने वालों को फांसी की सजा दी है, चंद्रयान हो या मंगलयान हो, महिलाएं उसको लीड कर रही हैं। सदन में हमारी 88 बहनें लोकसभा सदस्य बनकर आईं है। इसी सरकार ने हमारी बेटियों को एयरफोर्स का विमान उड़ाने की इजाजत दी: संसद में रविशंकर प्रसाद

  • 1:05 PM (IST)

    भारत के संविधान की कोर फिलॉसफी में लैंगिक न्याय है जो भारतीय संविधान का मूल दर्शन है। चाहें किसी समाज के हों, किसी धर्म के हों, हिन्दुस्तान की बेटी, हिन्दुस्तान की बेटी है: संसद में रविशंकर प्रसाद

  • 1:05 PM (IST)

    मुझे लगा था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तीन तलाक के मामले रूक जाएंगे लेकिन बहुत पीड़ा से मैं सदन के सामने बताना चाहूंगा कि तब से अब तक तीन तलाक के 574 मामले देखने को मिले हैं: रविशंकर प्रसाद

  • 1:03 PM (IST)

    बीजेपी ने जारी किया है व्‍हिप 

    नरेन्द्र मोदी सरकार ने मई में अपना दूसरा कार्यभार संभालने के बाद संसद के इस पहले सत्र में सबसे पहले इस विधेयक का मसौदा पेश किया था। कई विपक्षी दलों ने इसका कड़ा विरोध किया है लेकिन सरकार का यह कहना है कि यह विधेयक लैंगिक समानता और न्याय की दिशा में एक कदम है। 

  • 1:03 PM (IST)

    विपक्ष कर रहा है विरोध 

    कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक मांग कर रही हैं कि इसे जांच पड़ताल के लिए संसदीय समिति को सौंपा जाए। भाजपा की अगुवाई वाली राजग सरकार के पास निचले सदन में पूर्ण बहुमत है और उसके लिए इसे पारित कराना कोई मुश्किल काम नहीं होगा। लेकिन राज्यसभा में सरकार को कड़ी परीक्षा का सामना करना पड़ सकता है जहां संख्या बल के लिहाज से सत्ता पक्ष पर विपक्ष भारी है। जनता दल (यू) जैसे भाजपा के कुछ सहयोगी दल भी विधेयक के बारे में अपनी आपत्ति जाहिर कर चुके हैं।

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