तेलंगाना: तेलंगाना के कुमारम भीम आसिफाबाद जिले में सोमवार को एक आदिवासी युवक को अपनी पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए करीब तीन किलोमीटर तक उसे कंधे पर लेकर पैदल चलना पड़ा। बारिश में फसल चौपट होने के बाद युवक की पत्नी ने जहर खा लिया था। हालांकि इतनी कोशिश के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। हिंदुस्तान टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक राठौड़ राम (35) की पत्नी पुष्पलता (30) ने जहर खा लिया था। आसपास कोई साधन नहीं होने के चलते राठौड़ राम ने पुष्पलता को अपने कंधे पर उठा लिया और अस्पताल के रास्ते की ओर भागने लगा। नारनूर के सरकारी अस्पताल में पहुंचने पर डॉक्टरों ने पुष्पलता को मृत घोषित कर दिया।
नारनूर के सब इंस्पेक्टर राठौड तानाजी ने बताया, ' हमने खुदकुशी का केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है'। पत्नी को कंधे पर लेकर एक नदी की धारा को पार करते हुए राम की तस्वीर मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी।
स्थानीय लोगों के मुताबिक राठौड़ राम और पुष्पलता ने नारनूर ब्लॉक के उमरी जनजातीय कस्बे में एक जमींदार राम जाधव से पांच एकड़ जमीन कपास की खेती के लिए लीज पर ली थी। इस दंपति ने कपास की फसल के लिए बड़ा कर्ज भी ले रखा था और उन्हें उम्मीद थी कि कुछ दिनों में उन्हें अच्छी फसल मिलेगी।
स्थानीय निवासी एम वेणु ने बताया, हाल में हुई बारिश ने फसल को पूरी तरह से चौपट कर दिया। इससे इन दोनों को ये महसूस हो रहा था कि उन्होंने जितनी पूंजी इस फसल में लगा दी है उतना भी उन्हें नहीं मिल पाएगा। सोमवार को दोनों एकबार फिर खेत पर फसल देखने पहुंचे कि कहीं कुछ फसल चौपट होने से बच गई हो। राठौड़ राम फसल देखने में व्यस्त था इसी बीच पुष्पलता ने कीटनाशक पी लिया। कीटनाशक की बोतल वह अपने साथ लेकर आई थी।
राठौड़ राम ने तुरंत पुष्पलता को कंधे पर उठाया और दौड़ने लगा। इस जनजातिय बस्ती तक कोई सड़क नहीं है जिसकी वजह से करीब तीन किलोमीटर तक पुष्पलता को कंधे पर लेकर चलने के बाद राम मेन रोड तक पहुंचा। जहां से ऑटो लेकर वह नारनूर ब्लॉक के स्थानीय अस्पताल में पुष्पलता को दाखिल कराया लेकिन दुर्भाग्यवश तबतक पुष्पलता दम तोड़ चुकी थी।