चेन्नई: मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन आनंद वेंकटेश ने शुक्रवार को सरकारी अधिकारियों से उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों से मंत्रियों के समान व्यवहार करने और उस प्रोटोकॉल का पालन करने का आग्रह किया, जिसके वे हकदार हैं। उन्होंने शहर में कुछ यातायात पाबंदियों के कारण काम करने में देरी होने के संबंध में यह टिप्पणी की। न्यायाधीश ने सड़कों पर अवरोधक लगाने और उनके वाहन सहित सभी वाहनों को रोकने की पुलिस की कार्रवाई पर नाराजगी जतायी। साथ ही उन्होंने न्यायाधीशों को बिना किसी बाधा के जाने देने लिए कोई व्यवस्था नहीं करने को लेकर पुलिस को फटकार लगाई।
दिवंगत अभिनेता शिवाजी गणेशन की 94वीं जयंती के अवसर पर आर ए पुरम में अड्यार पुल के पास उनके स्मारक पर आयोजित एक कार्यक्रम के मद्देनजर पुलिस ने वाहनों की आवाजाही को प्रतिबंधित करते हुए विशेष व्यवस्था की थी, जिसमें मुख्यमंत्री एम के स्टालिन और अन्य मंत्रियों ने भाग लिया था। इस दौरान न्यायाधीश का वाहन भी करीब 30 मिनट तक रुका रहा। उन्होंने कहा कि उनके निजी सहायक द्वारा संबंधित पुलिस अधिकारियों को पहले से सूचित करने के बावजूद ऐसा हुआ।
उच्च न्यायालय के समन के बाद गृह सचिव एस के प्रभाकर वीडियो कांफ्रेंस के जरिए न्यायाधीश के समक्ष पेश हुए और घटना पर खेद जताया। उन्होंने न्यायाधीश से यह भी कहा कि भविष्य में ऐसी किसी भी घटना की पुनरावृत्ति से बचने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
न्यायाधीश ने कहा कि वह इस आधार पर अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू कर सकते थे कि उन्हें अपने सार्वजनिक कर्तव्य का निर्वहन करने से रोका गया। हालांकि, उन्होंने कहा कि वह ऐसा नहीं कर रहे हैं और मामले को यहीं खत्म किया जाता है।