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मध्य प्रदेश में ट्रांसपोर्टरों ने की ट्रक-टैंकरों की हड़ताल, लोगों पर पड़ सकती है महंगाई की मार

मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही में डीजल और पेट्रोल पर 5 फीसदी वैट बढ़ा दिया है जिसके चलते मध्यप्रदेश में बाकी राज्यों के मुकाबले पेट्रोल डीजल का भाव 4 से 5 रुपये बढ़ गया है। ऐसे में ट्रक मालिकों को ज्यादा कीमत पर पेट्रोल-डीजल खरीदना पड़ रहा है।

Reported by: Anurag Amitabh @anuragamitabh
Published : October 06, 2019 16:58 IST
Truck
Image Source : FILE प्रतिकात्मक तस्वीर

भोपाल। दीवाली से पहले मध्यप्रदेश के लोगों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। मध्यप्रदेश के ट्रांसपोर्टर अपनी मांगों के पूरा ना होने के चलते हड़ताल पर चले गए हैं जिससे त्योहार के इस सीजन में ज़रूरी वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित होने के आसार हैं। जहां बीजेपी ने हड़ताल के पीछे कमलनाथ सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया है वहीं ट्रांसपोर्टरों की माने तो सीएम कमलनाथ ने मीटिंग के वक्त कहा था हड़ताल पर चले जाइये हम उनके आदेश का पालन कर रहे हैं।

हड़ताल से थमे करी 1.5 लाख ट्रकों के पहिये

आमतौर पर भोपाल के ट्रांसपोर्ट नगर में रहने वाली चहल पहल और ट्रकों का आवागमन इन दिनों गायब है। ट्रकों के पहियें थमे हुए हैं। दरअसल, भोपाल जैसी ही तस्वीर पूरे मध्यप्रदेश की है जहां हड़ताल की वजह से करीब डेढ़ लाख से ज्यादा ट्रकों के पहियें थम गए हैं।

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ से चार दिन पहले हुई ट्रक ऑपरेटरों की बैठक बेनतीजा रहने के बाद शनिवार 5 अक्टूबर से सूबे के ट्रक ऑपरेटर हड़ताल पर चले गए हैं। इंदौर ट्रक ऑपरेटर एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के बैनर तले मध्य प्रदेश की करीब 60 अलग-अलग ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने इस हड़ताल को समर्थन दिया है जिसके बाद मध्यप्रदेश के करीब डेढ़ लाख से ज्यादा ट्रकों के पहिये शनिवार से थम गए हैं।

क्या है हड़ताल की वजह

मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही में डीजल और पेट्रोल पर 5 फीसदी वैट बढ़ा दिया है जिसके चलते मध्यप्रदेश में बाकी राज्यों के मुकाबले पेट्रोल डीजल का भाव 4 से 5 रुपये बढ़ गया है। ऐसे में ट्रक मालिकों को ज्यादा कीमत पर पेट्रोल-डीजल खरीदना पड़ रहा है लेकिन माल भाड़ा वही का वही है, जिसके चलते सूबे में ट्रकों की ये हड़ताल हुई है।

ट्रांसपोर्टरों ने एक अक्टूबर को सीएम कमलनाथ से भोपाल में मुलाकात कर 28 हजार किलो या उससे भारी ट्रक के लाइफटाइम टैक्स को क्वार्टरली करने और डीजल-पेट्रोल पर बढ़ाये गए 5 फीसदी वैट को खत्म करने की मांग की थी।

हड़ताल पर शुरू हुई राजनीति

त्योहार के मौसम में ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल पर भाजपा ने कमलनाथ सरकार को घेरा है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि खरीदी के इस सीजन में हड़ताल होने से प्रदेश में हालात खराब हो सकते हैं।

रविवार - हड़ताल का दूसरा दिन

अभी हड़ताल का ज्यादा असर नहीं दिखा है, लेकिन माना जा रहा है कि जो ट्रक फिलहाल लोडिंग में हैं वो रविवार तक अपना माल खाली कर देंगे उसके बाद लगभग सभी ट्रक और टैंकर जब खड़े हो जाएंगे तो इसका असर दिखने लगेगा। हालांकि इस मामले में जब परिवहन मंत्री से सवाल किया गया तो वो गोलमोल जवाब देने में लगे रहे। लेकिन ट्रांसपोर्टरों की मांग माने जाने को लेकर जवाब देने से बचते नजर आए।

बढ़ सकते हैं दूध और सब्जियों के दाम

सरकार और ट्रांसपोर्टरों के रुख को देखते हुए इस हड़ताल के जल्द खत्म होने के आसार तो नहीं दिख रहे जिससे इतना तो तय है कि हड़ताल लंबी खिंचने से माल-ढुलाई से लेकर जरूरी समान जैसे दूध-सब्ज़ियों तक के भाव बढ़ सकते हैं जिससे दीवाली के सीजन में आम आदमी का दिवाला ज़रूर निकल सकता है।

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