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तेलंगाना में 'बंद' से परिवहन सेवा प्रभावित

हैदराबाद में सबसे बड़े महात्मा गांधी बस अड्डे (एमजीबीएस) पर तेलंगाना से पड़ोसी राज्यों को जाने वाली अधिकतर बसों का संचालन बंद है। यात्रियों की परेशानी तब और बढ़ गई, जब कैब एग्रीगेटर बाजार को नियमित करने की मांग को लेकर हैदराबाद में ओला और ऊबर कैब चालक शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। 

Reported by: IANS
Published : October 19, 2019 16:37 IST
Telangana - India TV Hindi
Image Source : PTI तेलंगाना में 'बंद' से परिवहन सेवा प्रभावित

हैदराबाद| तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (टीएसआरटीसी) के कर्मचारियों के आह्वान पर शनिवार को आहूत दिन भर के राज्यव्यापी बंद के दौरान कुछ स्थानों पर पथराव की घटनाएं हुई हैं। टीएसआरटीसी कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शनिवार को 15 दिन में प्रवेश कर गई। राज्य में टीएसआरटीसी की अधिकांश बसें हैदराबाद और 32 अन्य जिलों में बस डिपो पर खड़ी रहीं। यहां परिवहन कर्मी वाहनों का संचालन रोकते हुए धरना दे रहे हैं।

हैदराबाद में सबसे बड़े महात्मा गांधी बस अड्डे (एमजीबीएस) पर तेलंगाना से पड़ोसी राज्यों को जाने वाली अधिकतर बसों का संचालन बंद है। यात्रियों की परेशानी तब और बढ़ गई, जब कैब एग्रीगेटर बाजार को नियमित करने की मांग को लेकर हैदराबाद में ओला और ऊबर कैब चालक शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। ड्राइवरों के संघ का दावा है कि 50,000 कैब सड़कों पर नहीं उतरे हैं।

हड़ताली टीएसआरटीसी कर्मियों को विपक्षी कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा), तेलंगाना जन समिति (टीजेएस), जन सेना, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), ट्रेड यूनियन, विभिन्न कर्मचारी संघों, शिक्षकों, छात्र संगठनों और जन संगठनों ने अपना समर्थन दिया है। राज्य में विभिन्न स्थानों पर टीएसआरटीसी कर्मियों के साथ हड़ताल कर रहे विपक्ष के कई नेताओं को पुलिस ने पकड़ लिया। टीजेएस अध्यक्ष एम. कोडंदरम, तेदेपा नेता एल. रमना और आर. चंद्रशेखर रेड्डी और वाम दलों के नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

निजामाबाद जिला और वानपर्थी में कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी कर चार बसों को क्षतिग्रस्त कर दिया। हैदराबाद और अन्य शहरों में हिंसा रोकने के लिए पुलिस ने पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था कर रखी है। टीएसआरटीसी हालांकि अस्थाई कर्मियों की सहायता से पुलिस सुरक्षा में कुछ बसें चला रहा है। यह बंद अपनी मांगों को लेकर पांच अक्टूबर से हड़ताल कर रहे टीएसआरटीसी कर्मियों के जॉइंट एक्शन कमेटी (जेएसी) के आह्वान पर किया गया है। उनकी एक प्रमुख मांग टीएसआरटीसी को सरकार में विलय कराने की है।

जेएसी ने यह कहते हुए इस स्थिति के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है कि तेलंगाना हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद उसने उन्हें बातचीत के लिए नहीं बुलाया। सरकार ने न सिर्फ बातचीत करने से इंकार कर दिया, बल्कि समयसीमा में तैनाती नहीं लेने वाले 48,000 कर्मियों की नौकरियों को भी खत्म कर दिया। मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने इन कर्मियों को टीएसआरटीसी में वापस लेने से इंकार कर दिया था और टीएसआरटीसी को अस्थाई भर्ती निकालने तथा और ज्यादा निजी बसों को लेने का निर्देश दिया था। हड़ताल के कारण टीएसआरटीसी के दो कर्मियों ने आत्महत्या भी कर ली थी।

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