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हावड़ा डिविजन ट्रेनों के परिचालन में फिसड्डी, भावनगर, सियालदह डिविजन बेहतर

समय पर ट्रेनों के परिचालन के मामले में तीन जून को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान पश्चिम बंगाल का हावड़ा डिविजन सबसे बदहाल रहा। 

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 13, 2018 20:53 IST
Train- India TV Hindi
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नई दिल्ली: समय पर ट्रेनों के परिचालन के मामले में तीन जून को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान पश्चिम बंगाल का हावड़ा डिविजन सबसे बदहाल रहा। इस डिविजन में महज 34 फीसदी ट्रेनों का परिचालन ही समय से हो पाया, इसके बाद ट्रेनों के परिचालन के मामले में सबसे खराब स्थिति लखनऊ की रही जहां 39 फीसदी ट्रेनों का ही समय पर परिचालन हो पाया। 

भारतीय रेल में 80 फीसदी ट्रेनों का परिचालन समय पर होने को तर्कसंगत माना जा रहा है, लेकिन इस समयपालन का यह आंकड़ा वर्तमान में 65 फीसदी है जोकि रेलवे के अधिकारियों व यात्रियों के लिए आदर्श स्थिति नहीं है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी ने कहा, "मौजूदा समयपालन दर 65 फीसदी है और मैं इससे संतुष्ट नहीं हूं।"

जोन के स्तर पर समयपालन में सबसे खराब यानी निचले स्तर का प्रदर्शन दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे का 44 फीसदी रहा और उसके बाद उत्तर मध्य रेलवे का प्रदर्शन 47.5 फीसदी रहा है। हालांकि भावनगर में ट्रेनों का परिचालन काफी बेहतर रहा और 99.27 फीसदी समयपालन हुआ। वहीं, सियालदह डिवीजन में इस 28 मई से तीन जून के दौरान 98.19 फीसदी ट्रेनों का परिचालन समय से हुआ। 

समयपालन के मामले में दिल्ली डिविजन का प्रदर्शन 65 फीसदी से थोड़ा कम 64.64 फीसदी रहा जबकि मुंबई में इस दौरान 55.5 फीसदी ट्रेनों का ही परिचालन समय पर हो पाया। हालांकि रेलवे ने ट्रेनों के परिचालन में हो रहे बिलंब को रोकने और समयपालन दर में सुधार करने की पूरी कोशिश की है, फिर भी मेल/एक्सप्रेस ट्रेन कभी-कभी अपने नियत समय से 10 घंटे बिलंब से चलती है, जिससे यात्रियों को काफी असुविधा होती है। 

यहां तक कि राजधानी, शताब्दी और दुरंतो जैसी ऊंचे दर्जे की ट्रेन भी कुछ जगहों पर पटरी बदलने और रखरखाव कार्य, पुलों की मरम्मत और कम रफ्तार रखने की पाबंदी समेत विविध कारणों से विलंब से चलती हैं। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "सुरक्षा सुनिश्चित करने के मद्देनजर रेलवे ने बड़े पैमाने पर पटरियों को बदलने का काम आरंभ किया है। पुरानी पटरियों को बदला जा रहा है।"पटरियां बदलने का कार्य प्राथमिकता है इसलिए लाइन बंद कर दी जाती है जिससे ट्रेनों की रफ्तार कम हो जाती है। 

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