नई दिल्ली. देश में आज गणतंत्र दिवस समारोह मनाया जा रहा है। इस बार का गणतंत्र दिवस बेहद अनोखा है क्योंकि हर तरह जहां हर बार की तरह इसबार भी जहां राजपथ पर सुरक्षा बल परेड निकाल रहे हैं और दुनिया के सामने भारत की ताकत का प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठन भी आज 'किसान परेड' निकाल रहे हैं।
प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने अपनी 'ट्रैक्टर रैली' को किसान परेड का नाम दिया है। दिल्ली संगठनों ने दिल्ली के कुछ बॉर्डर्स से अपनी ट्रैक्टर रैली शुरू कर दी है, वहीं कुछ अन्य सीमाओं से ट्रैक्टर रैली शुरू होने वाली है। इस रैली में किसान ट्रैक्टरों के साथ-साथ अपनी कार, मोटर बाइक्स के साथ दिल्ली और यूपी-हरियाणा की सड़कों पर मार्च कर रहे हैं।
बॉर्डर पर बड़ी संख्या में ट्रैक्टर मौजूद हैं जो किसानों की ट्रैक्टर परेड में शामिल होंगे, सभी ट्रैक्टरों पर तिरंगा और किसान संगठनों के झंडे लगे हुए हैं। इस परेड को लेकर युवा किसान ज्यादा उत्साहित है, वहीं किसानों के इस परेड को लेकर दिल्ली पुलिस की चिंता काफी बढ़ गई है। इसी क्रम में दिल्ली और उत्तरप्रदेश पुलिस सोमवार रात से ही सीमाओं पर बैरिक़ेडिंग को और दुरस्त करती दिखी।
बता दें कि तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन लगभग दो महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान यूनियनों ने सोमवार को कहा कि लगभग दो लाख ट्रैक्टरों के परेड में भाग लेने की उम्मीद है। इस बीच, प्रदर्शकारी किसान संगठनों ने सोमवार को घोषणा की कि वे एक फरवरी को केंद्रीय वार्षिक बजट के दिन विभिन्न स्थानों से संसद की तरफ कूच करेंगे। क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता दर्शनपाल ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग पर अडिग हैं और मांगें पूरी होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।उन्होंने कहा, ‘‘हम एक फरवरी को बजट के दिन विभिन्न स्थानों से संसद की तरफ पैदल मार्च करेंगे। जहां तक कल की ट्रैक्टर रैली की बात है तो इससे सरकार को हमारी शक्ति के बारे में एक एहसास होगा और उसे पता चलेगा कि आंदोलन केवल हरियाणा या पंजाब तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश का आंदोलन है।’’ दर्शनपाल ने कहा कि प्रत्येक कूच या प्रदर्शन शांतिपूर्ण होगा, जैसा कि अब तक रहा है। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ट्रैक्टर परेड के लिए आए किसान अब वापस नहीं जाएंगे तथा प्रदर्शन से जुड़ेंगे। हमारी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।’’
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कहा कि नए कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित रखने का सरकार का प्रस्ताव एक ‘‘सर्वश्रेष्ठ पेशकश’’ है और उन्हें उम्मीद है कि प्रदर्शनकरी किसान संगठन इस पर पुनर्विचार करेंगे तथा अपने फैसले से अवगत कराएंगे। सरकार और 41 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच 11वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही थी। दसवें दौर की वार्ता में सरकार ने नए कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित रखने की पेशकश की थी, लेकिन किसान यूनियनों ने इसे खारिज कर दिया था। सरकार ने यूनियनों से 11वें दौर की वार्ता में प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने और अपने निर्णय से अवगत कराने को कहा था।
राजपथ और दिल्ली के अन्य सीमा बिन्दुओं पर हजारों सशस्त्र कर्मी तैनात किए गए हैं तथा गणतंत्र दिवस की परेड और किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। गणतंत्र दिवस समारोह और किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड के मद्देनजर राजपथ और राष्ट्रीय राजधानी की कई सीमाओं पर हजारों सशस्त्र सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। दिल्ली में पहले से बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था का बंदोबस्त किया गया है।
एक अधिकारी ने बताया कि गणतंत्र दिवस समारोह के मद्देनजर निगरानी रखने के लिए करीब छह हजार सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। संदिग्ध लोगों की पहचान करने के लिए दिल्ली पुलिस की चेहरे से पहचान करने वाली प्रणाली भी उचित स्थानों पर स्थापित की गई है। उन्होंने बताया कि राजपथ पर लोगों की जांच करने वाले कर्मी पीपीई किट पहने होंगे तथा मास्क एवं फेस शील्ड (चेहरे के आगे शीशा) लगाए हुए होंगे। मंगलवार को परेड के आठ किलोमीटर लंबे मार्ग पर नजर रखने के लिए ऊंची इमारतों पर शार्प शूटरों और स्नाइपरों को तैनात किया जाएगा।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गणतंत्र दिवस समारोह और प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड के दौरान कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर में और नगर के आसपास पांच स्तरीय सुरक्षा कवर तैनात किया गया है। किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई सीमाओं पर पहले से ही सुरक्षा कर्मियों को तैनात कर दिया गया है। विशेष पुलिस आयुक्त (खुफिया) दीपेंद्र पाठक ने रविवार को दावा किया था कि टैक्टर रैली में बाधा डालने के लिए पाकिस्तान में 300 से ज्यादा ट्विटर अकाउंट बनाए गए हैं।