नई दिल्ली। बुधवार को जस्टिस रंजन गोगोई ने देश के 46वें मुख्य न्यायधीश के तौर पर कार्यभार संभाला है। जस्टिक गोगोई 2012 से सुप्रीम कोर्ट में जज हैं और मौजूदा समय में वह सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठतम जज हैं। जस्टिस गोगोई मूलत: पूर्वोत्तर राज्यों से आते हैं पूर्वोत्तर से वह देश के पहले मुख्य न्यायधीश बने हैं। वह नवंबर 2019 तक मुख्य न्यायधीश बने रहेंगे।
पहली बार 1978 बार काउंसिल में शामिल हुए
जस्टिस गोगोई का जन्म 18 नवंबर 1954 को असम के डिब्रूगढ़ में हुआ था। वे 1978 में बार काउंसिल में शामिल हुए थे। 28 फरवरी 2001 को उन्हें गुवाहाटी हाईकोर्ट का स्थाई जज नियुक्त किया गया था। फरवरी 2011 को वे पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बनाए गए। इसके बाद पदोन्नति देकर जस्टिस गोगोई को अप्रैल 2012 को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाया गया।
जस्टिस गोगोई के पास न कोई फ्लैट और न बिल्डिंग
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर दिए हुए जजों की संपत्ति के ब्यौरे के मुताबिक जस्टिस गोगोई और उनकी पत्नी के नाम न तो कोई फ्लैट है और न ही कोई बिल्डिंग। उन्होंने वर्ष 1999 में गुवाहाटी में 1.10 लाख रुपए में प्लॉट खरीदा था जिसकी कीमत अब 10 लाख रुपए है।
शेयर और म्यूचुअल फंड में कोई निवेश नहीं
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर दिए हुए जजों की संपत्ति के ब्यौरे के मुताबिक जस्टिस गोगोई ने न तो किसी शेयर और न ही किसी म्यूचुअल फंड में निवेश किया हुआ है। गुवाहाटी हाइकोर्ट में स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच में उनका 5.50 लाख रुपे जमा है, इसके अलावा चंडीगढ़ में स्टेट बैंक ऑफ पटियाला की ब्रांच में 1 लाख रुपए जमा है। इसके अलावा उनका 16 लाख रुपए का फिक्स डिपॉजिट और लगभग 18-19 लाख रुपए का पीपीएफ भी है। जस्टिस गोगोई ने 1999 में 5 लाख रुपए की एक जीवन बीमा पॉलिसी भी खरीदी हुई है।
कार और ज्वैलरी भी नहीं है जस्टिस गोगोई के पास
इन सबके अलावा जस्टिस गोगोई के पास न तो कोई ज्वैलरी है और न ही कोई गाड़ी, हालांकि उनकी पत्नी के पास लगभग 150 ग्राम की ज्वैलरी जरूर है। जस्टिस गोगोई ने कोई लोन भी नहीं चुकाना है और न ही किसी तरह का बिल या अन्य देनदारी उनको चुकानी है।